छत्रपति शिवाजी के 12 किले विश्व धरोहर में शामिल, राज ठाकरे बोले- 'अगर इसे हल्के में लिया तो...'
Raj Thackeray News: राज ठाकरे ने कहा कि सरकार को विश्व धरोहर का दर्जा हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि अगर मानदंडों का ठीक से पालन नहीं किया गया तो इसे छीना जा सकता है.

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने का शनिवार (12 जुलाई) को स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इन ऐतिहासिक संरचनाओं पर सभी अनधिकृत निर्माणों को हटा दिया जाना चाहिए, चाहे ये अतिक्रमणकारी किसी भी समुदाय से संबंधित हों.
राज ठाकरे ने यह भी कहा कि सरकार को विश्व धरोहर का दर्जा हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि अगर मानदंडों का ठीक से पालन नहीं किया गया तो इसे छीना जा सकता है.
इन किलों को विश्व धरोहर में किया शामिल
मराठा शासकों की किलेबंदी प्रणाली का प्रतिनिधित्व करने वाले 'मराठा सैन्य परिदृश्य' को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। यह निर्णय पेरिस में आयोजित विश्व धरोहर समिति (WHC) के 47वें सत्र के दौरान लिया गया था. 'मराठा सैन्य परिदृश्य' में महाराष्ट्र के साल्हेर, शिवनेरी, लोहगढ़, खंडेरी, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजय दुर्ग और सिंधुदुर्ग के किले और तमिलनाडु में जिंजी किला शामिल हैं.
कब्जे को करें ध्वस्त
मनसे प्रमुख ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "सरकार को बिना किसी अतिक्रमणकारियों के धर्म या जाति की परवाह किए बिना इन किलों पर सभी अनधिकृत निर्माणों को तुरंत ध्वस्त कर देना चाहिए. जो लोग इस अवसर पर महाराष्ट्र की उपलब्धियों के बारे में बोलेंगे, उन्हें पता चलेगा कि शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित स्वराज्य का विचार कितनी दूर तक पहुंच गया था और यह भी पता चलेगा कि दो भाषाओं और संस्कृतियों के बीच का पुल कितना पुराना और मजबूत है,"
'अब मिलेगा किलों को ध्यान जिसके ये हकदार'
उन्होंने आगे लिखा, "एक बार यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दे दिए जाने के बाद, उन संरचनाओं के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए सख्त मानदंड हैं, जिनका पालन करना होगा और हमारे महाराज के किलों को वह ध्यान मिलेगा जिसके वे हकदार हैं."
'पिछली सरकारों ने जीर्ण-शीर्ण अवस्था में छोड़ा'
उन्होंने ये भी कहा, "राज्य सरकार को इन किलों के संरक्षण के लिए धन प्राप्त होगा और राज्य को अपनी जेब से भी अधिक आवंटित करना चाहिए." ठाकरे ने कहा कि अतीत में हर सरकार ने इन किलों को जीर्ण-शीर्ण अवस्था में छोड़ दिया था, जिससे दुनिया को उन्हें देखने और उन्हें शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र की महिमा दिखाने के लिए आमंत्रित करना असंभव हो गया था.
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