महाराष्ट्र में छिड़ा 'मराठा vs OBC' का नया विवाद, सरकार से नाराज छगन भुजबल, दे दी यह चेतावनी
Maratha vs OBC: मराठा आरक्षण पर सरकार के फैसले से ओबीसी समाज में नाराज़गी है, क्योंकि उन्हें ओबीसी कोटे में कटौती का डर है. छगन भुजबल ने अजित पवार के सामने नाराजगी जताई और कैबिनेट बैठक छोड़ दी.

पिछले कुछ वर्षों से मराठा समाज के लिए आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर आंदोलन हुआ, जो मंगलवार (2 सितंबर) के दिन अंजाम पर पहुंचा. मनोज जरांगे पाटील के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन ने सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया और मराठा समाज को आरक्षण दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए. हालांकि, अब इसका एक नया और गंभीर परिणाम सामने आ रहा है- ओबीसी समाज में गहरी नाराज़गी.
बुधवार, 3 सितंबर को मुख्य कैबिनेट की बैठक के पहले हमेशा की तरह NCP के मंत्रियों की प्री-कैबिनेट बैठक हुई. यह बैठक सह्याद्री गेस्ट हाउस में हुई. इस बैठक में अजित पवार मौजूद थे.
छगन भुजबल ने अजित पवार के सामने जताई नाराजगी
बैठक में छगन भुजबल ने अजित पवार से पूछा- मराठा आरक्षण पर फैसला लेने के पहले मुझे विश्वास में क्यों नहीं लिया गया? इसपर अजित पवार ने कहा कि यह फैसला मुख्यमंत्री का था. ओबीसी आरक्षण पर इसका कोई असर नहीं होगा, इसका ख्याल हमने रखा है. इसपर छगबन भुजबल ने कहा- हमसे बात करनी चाहिए थी, हमें विश्वास में लेना चाहिए था.
इतना कहकर नाराज छगन भुजबल कैबिनेट बैठक स्थल सह्याद्री गेस्ट हाउस से निकल गए. निकलते वक्त छगन भुजबल ने अजित पवार से कहा, "मेरा एक निजी काम है इसलिए मैं आज की कैबिनेट बैठक में मौजूद नहीं रह पाऊंगा."
मुख्य बैठक में नहीं पहुंचे छगन भुजबल
मराठा आरक्षण पर सरकार के GR पर छगन भुजबल पहले से ही नाराज थे. भुजबल चाहते तो सीधे कैबिनेट की बैठक में न आकर भी अपनी नाराजगी जता सकते थे, लेकिन वह सह्याद्री गेस्ट हाउस में आते है. प्री कैबिनेट बैठक में शामिल होते हैं और मुख्य कैबिनेट बैठक शुरू होने के ठीक पहले सह्याद्री गेस्ट हाउस से निकल जाते हैं. ऐसा कर वो सरेआम अपनी नाराजगी जता कर गए.
इसके बाद महाराष्ट्र सरकार मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक में बड़ा निर्णय लिया गया, जिसके अंतर्गत
- मराठा समाज की तरह ओबीसी वर्ग के लिए भी एक मंत्रिमंडल उपसमिति गठित की जाएगी.
- मंत्रिमंडल उपसमिति के माध्यम से ओबीसी समुदाय की समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
- मंत्रिमंडल की बैठक में छह सदस्यों कि उपसमिति के गठन का निर्णय लिया गया.
- इस समिति के कार्यक्षेत्र पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा.
- ओबीसी मंत्रिमंडल उपसमिति का गठन आज ही किया जाएगा. आज ही जीआर (GR) निकाला जाएगा.
OBC कोटे में कटौती का आरोप
महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठा आरक्षण पर लिए गए निर्णय से ओबीसी समाज में गुस्सा है. ओबीसी नेताओं का आरोप है कि मराठा समाज को आरक्षण देने के नाम पर सरकार 'ओबीसी कोटे' में कटौती कर रही है. उनका कहना है कि पहले से ही सीमित संसाधनों और नौकरी के अवसरों पर मराठा आरक्षण का सीधा असर पड़ेगा.
ओबीसी समाज की मांग है कि अगर मराठों को आरक्षण देना है, तो वह अलग कोटे से दिया जाए, न कि उनके हिस्से से. ओबीसी नेताओं को यह भी डर है कि भविष्य में शिक्षा और नौकरी में उनका प्रतिनिधित्व और कम हो जाएगा.
मराठा आंदोलन की तरह OBC आंदोलन की चेतावनी
मराठा समाज की तरह अब ओबीसी नेता भी आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. कुछ संगठनों ने यह साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे सड़कों पर उतरेंगे. कई इलाकों में ओबीसी समाज ने प्रदर्शन शुरू भी कर दिए हैं.
राजनीतिक समीकरण पर असर
महाराष्ट्र की राजनीति में ओबीसी एक निर्णायक वोट बैंक हैं. बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना, सभी दलों में ओबीसी नेताओं की मजबूत पकड़ है. ऐसे में अगर यह नाराज़गी बढ़ती है तो राज्य के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं. बीजेपी और शिंदे गुट की सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है. विपक्ष इस मुद्दे को हवा देकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.
Source: IOCL























