महाराष्ट्र के भिवंडी में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन, नेताओं ने राष्ट्रपति से मांगा समय
Bhiwandi News: महाराष्ट्र के भिवंडी में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतरे. उनका कहना है कि ये अधिनियम संविधान व उनके अधिकारों का उल्लंघन करता है.

Waqf Amendment Bill 2025: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. उनका दावा है कि यह संविधान के खिलाफ है और लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार (5 अप्रैल) को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी. राज्यसभा में शुक्रवार (4 अप्रैल) को 13 घंटे से अधिक की बहस के इस विधेयक को पारित कर दिया गया था जबकि लोकसभा ने गुरुवार को इसपर अपनी मुहर लगाई थी.
अन्य समूहों के पदाधिकारियों ने इसमें हिस्सा लिया
वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ शनिवार देर रात प्रदर्शन किया गया और इसमें आलमी तहरीक रजा एकेडमी, अखिल भारतीय सुन्नी जमीयतुल उलमा और‘अहले सुन्नत वल जमात’ आंदोलन के अंतर्गत आने वाले कई अन्य समूहों के पदाधिकारियों ने इसमें हिस्सा लिया.
'यह केवल मुसलमानों का मुद्दा नहीं है'
विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए एक मौलवी ने कहा, ‘‘यह विधेयक (अब कानून) संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करता है. यह हर भारतीय के अधिकारों को खतरे में डालता है, चाहे वे हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई हों. यह केवल मुसलमानों का मुद्दा नहीं है. देश भर के सभी समुदायों के लोग विरोध करने के लिए आगे आ रहे हैं.’’
वरिष्ठ अधिवक्ताओं से करेंगे परामर्श
रजा एकेडमी के संस्थापक सईद नूरी ने कहा कि वह सात अप्रैल को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली जाएंगे, जहां वे शीर्ष संवैधानिक विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं से परामर्श करेंगे, ताकि इस अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की संभावना सहित कानूनी रास्ते तलाशे जा सकें. एकेडमी के प्रवक्ता ने बताया कि इस मुद्दे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के लिए समय मांगा गया है.
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Source: IOCL























