जातीय जनगणना पर क्या कह रहे हैं मुस्लिम नेता? अबू आजमी बोले- 'इससे बहुसंख्यक आबादी...'
Caste Census News: सपा विधायक अबू आज़मी ने जातीय जनगणना के फैसले को ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला देश की बहुसंख्यक आबादी के सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

Abu Azmi on Caste Census: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के विधायक अबू आसिम आज़मी ने ABP न्यूज़ से बातचीत में केंद्र सरकार के जातीय जनगणना के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने जातीय गणना के फैसले को ऐतिहासिक बताया है और इसे 'विपक्ष की बड़ी जीत' करार दिया है.
अबू आजमी ने स्पष्ट कहा है कि यह फैसला देश की बहुसंख्यक आबादी के सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसका संपूर्ण श्रेय विपक्षी दलों को मिलना चाहिए, जिन्होंने लगातार इसकी मांग उठाई.
अबू आज़मी ने कहा, "हमारी मांग थी कि जातीय जनगणना करवाई जाए ताकि यह साफ हो सके कि देश में किस समुदाय की कितनी संख्या है. जब यह सामने आएगा, तभी सबको उनके हक और हिस्सेदारी का सही मूल्यांकन होगा. पुरानी कहावत है – ‘जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी’– यही सामाजिक न्याय की बुनियाद है."
'पीएम मोदी ने कहा था आतंक का धर्म नहीं होता'- अबू आजमी
सपा विधायक अबू आज़मी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पुराने वीडियो का भी हवाला दिया, जिसमें प्रधानमंत्री कहते दिखे थे, “आतंक का कोई धर्म नहीं होता.” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने इस बयान को दोहराना चाहिए, विशेषकर तब जब श्रीनगर और पहलगाम जैसे क्षेत्रों में मुसलमानों ने अपने जान की बाज़ी लगाकर देश के अलग-अलग हिस्सों से आए पर्यटकों की जान बचाई.
नितेश राणे को मंत्री पद से हटाने की मांग
उन्होंने नितेश राणे के हालिया विवादास्पद बयानों की भी तीखी आलोचना की, जिनमें धार्मिक पहचान के आधार पर भेदभाव की बात कही गई थी. अबू आज़मी ने कहा, “यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक मंत्री इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहा है. मैं मांग करता हूं कि उन्हें मंत्री पद से तुरंत हटाया जाए. उनके खिलाफ कई आपराधिक केस दर्ज हैं और मैं भी कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा हूं. जल्द ही कोर्ट में याचिका दायर करूंगा.”
फिलिस्तीन का झंडा जलाने पर आपत्ति
अबू आजमी ने आगे कहा कि यहां पर पाकिस्तान और बांग्लादेश के झंडे जलाए जा रहे हैं, जिसपर हमें आपत्ति नहीं है. फिर यह फिलिस्तीन का झंडा जलाते हैं, जिससे हमारी आस्था जुड़ी हुई है. यह गलत है. देश के तमाम शीर्ष नेताओं को यह बात स्पष्ट रूप से कहनी चाहिए कि किसी एक विशिष्ट धर्म के लोगों को परेशान ना किया जाए तब जाकर चीज सही हो पाएंगे.
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Source: IOCL





















