पेंच टाइगर रिजर्व की बाघिन हवाई सफर कर पहुंची राजस्थान, मिला सुरक्षित घर
MP News: पेंच टाइगर रिजर्व से तीन वर्षीय बाघिन को वैज्ञानिक तरीके से हवाई मार्ग द्वारा राजस्थान लाया गया. इसे रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में विशेष डॉक्टरों की देख-रेख में रखा गया है.

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की सीमा में स्थित पेंच टाइगर रिजर्व से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व राजस्थान में एक बाघिन का सफल स्थानांतरण किया गया. लगभग 3 वर्ष आयु की एक बाघिन को रविवार (21 दिसंबर) हवाई सफर कर राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व पार्क पहुंची.
जानकारी के अनुसार, यह स्थानांतरण अभियान विगत एक माह से सुव्यवस्थित योजना और वैज्ञानिक पद्धतियों के तहत संचालित किया जा रहा था. पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा उपयुक्त बाघिन की पहचान कर उसे उन्नत एआई आधारित कैमरा ट्रैप और मोशन सेंसर कैमरों के माध्यम से निरंतर ट्रैक एवं मॉनिटर किया गया. इस उद्देश्य से क्षेत्र में लगभग 50 कैमरे स्थापित किए गए थे.
टीम ने बाघिन का कराया सुरक्षित स्थानांतरण
पेंच टाइगर पार्क के डिप्टी डायरेक्ट रजनीश सिंह ने बताया कि अभियान का समन्वय राजस्थान वन विभाग के साथ निकट सहयोग में किया गया. राजस्थान प्रदेश के सीसीएफ सुगनाराम जाट तथा पशु चिकित्सक डॉ. तेजिंदर विगत एक माह से इस अभियान का समन्वय कर रहे थे. पिछले 8 दिनों से पेंच टाइगर रिजर्व में उपस्थित रहकर अभियान की सतत निगरानी कर रहे थे. यह स्थानांतरण कार्य फील्ड डायरेक्टर देव प्रसाद जेके सहयोग और उप संचालक रजनीश कुमार सिंह के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ. बाघिन का निश्चेतन डॉ. अखिलेश मिश्रा और डॉ. प्रशांत द्वारा वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट की टीम के साथ डॉ. काजल, डॉ. अमोल, फील्ड बायोलॉजिस्ट अनिमेष चव्हाण के सहयोग से किया गया.
पेंच से राजस्थान पहुंची डॉक्टरों की टीम
पेंच टाइगर रिजर्व से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व स्थानांतरण के दौरान पेंच टाइगर रिजर्व से मिशन लीडर सहायक संचालक गुरलीन कौर, वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. मिश्रा, पशु चिकित्सक डॉ. प्रशांत देशमुख, रेंज अधिकारी लोकेश कुमार चौधरी राजस्थान के अधिकारियों की टीम के साथ एमआई-17 हेलिकॉप्टर द्वारा बाघिन के सुरक्षित स्थानांतरण किया. जिससे अंतर-राज्यीय समन्वय और संचालन की प्रभावशीलता सुनिश्चित हो सकी.
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Source: IOCL























