'सभी प्रभावित बच्चों को हर संभव सहायता दी जाएगी', सतना HIV मामले पर बोले डिप्टी CM राजेंद्र शुक्ला
MP News: सतना के जिला अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित 6 बच्चों में HIV संक्रमण का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने जांच तेज की. डिप्टी CM राजेंद्र शुक्ला ने सतना दौरे के दौरान इसकी जानकारी दी.

मध्य प्रदेश के सतना में थैलेसीमिया से पीड़ित 6 बच्चों के एचआईवी संक्रमित पाए जाने के मामले ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह मामला जनवरी से मई के बीच सामने आया, जब नियमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन पर निर्भर इन बच्चों में एचआईवी की पुष्टि हुई. राज्य सरकार ने इसे गंभीर मानते हुए उच्च स्तरीय जांच शुरू की है और प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई भी की गई है.
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने सतना दौरे के दौरान कहा कि सभी प्रभावित बच्चों को हर संभव सहायता दी जाएगी और मामले की हर कोण से गहन जांच की जा रही है. आईएएनएस को दिए बयान में उन्होंने बताया कि यह मामला करीब चार महीने पहले ICTC में सामने आया था. थैलेसीमिया मरीजों को महीने में दो से तीन बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है और इसमें थोड़ी सी भी चूक उनके जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकती है.
उन्होंने कहा कि कभी सरकारी तो कभी निजी अस्पतालों से, कभी जबलपुर से रक्त की व्यवस्था की गई, इसलिए यह पता लगाया जा रहा है कि संक्रमण कहां और कैसे हुआ. डोनर का ब्लड ब्लड बैंक में सभी जरूरी जांच के बाद ही लिया जाता है, इसके बावजूद चूक कहां हुई, इसकी ट्रैकिंग की जा रही है. फिलहाल छह बच्चों में से एक के माता पिता भी एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं, जबकि अन्य मामलों में संभावित लापरवाही की जांच के लिए राज्य स्तरीय समिति गठित कर दी गई है.
Satna, Madhya Pradesh: On his visit regarding the case of thalassemia-affected children testing HIV positive, Deputy CM Rajendra Shukla says, “All possible assistance will be provided, and a thorough investigation is being conducted from every angle. This case had come to light… pic.twitter.com/SzAWdZ9Rf1
— IANS (@ians_india) December 20, 2025
प्रशासनिक और चिकित्सकीय जांच की स्थिति
सतना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मनोज शुक्ला ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए कई टीमें गठित की गई हैं. हर टीम अपने निर्धारित दायरे और जिम्मेदारी के अनुसार जांच कर रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष सामने नहीं आया है. यह जांच लंबी और जटिल है क्योंकि डोनरों की सूची बहुत बड़ी है. इतने अधिक लोगों को ट्रेस करना, उन्हें बुलाना, उनकी जांच करना और पूरे रिकॉर्ड की समीक्षा करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों और तकनीकी पहलुओं की गहराई से जांच की जाएगी, ताकि किसी निर्दोष को गलत तरीके से जिम्मेदार न ठहराया जाए और वास्तविक लापरवाही सामने आ सके.
Satna, Madhya Pradesh: On the HIV cases reported in Satna, Chief Medical & Health Officer Manoj Shukla says, “Multiple investigation teams have arrived, and each team is conducting inquiries in its own way based on its specific mandate and sections. As of now, nothing conclusive… pic.twitter.com/brTXvi6feO
— IANS (@ians_india) December 20, 2025
कार्रवाई, निलंबन और आगे की प्रक्रिया
मध्यप्रदेश सरकार ने सतना स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय अस्पताल में हुई इस गंभीर घटना को लेकर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त कदम उठाए हैं. राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 16 दिसंबर को आयुष्मान भारत योजना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ योगेश भरसट की अध्यक्षता में सात सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था. पीटीआई के अनुसार, इस समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद ब्लड बैंक प्रभारी डॉ देवेंद्र पटेल और दो लैब तकनीशियन राम भाई त्रिपाठी और नंदलाल पांडे को निलंबित कर दिया गया है.
इसके अलावा जिला अस्पताल के पूर्व सिविल सर्जन मनोज शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनसे लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है. अधिकारियों के अनुसार यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया तो उनके खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी. 16 दिसंबर को इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद प्रदेश भर में हंगामा खड़ा हो गया था. सभी प्रभावित बच्चों का एचआईवी प्रोटोकॉल के तहत इलाज जारी है. सरकार का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोहराई न जाए और ब्लड ट्रांसफ्यूजन सिस्टम पर लोगों का भरोसा बना रहे.
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Source: IOCL























