MP News: अब सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार 43 साल और आरक्षित श्रेणी के 48 साल तक की उम्र तक दे सकेंगे पीएससी एग्जाम
MPPSC Exams: मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के एलान के बाद अब सामान्य श्रेणी के कैंडिडेट्स 43 साल तक और आरक्षित श्रेणी के कैंडिडेट्स 48 साल तक पीएससी परीक्षा देने के लिए पात्र माने जाएंगे.

MPPSC Age Relaxation Of 3 Years: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में अब सामान्य वर्ग के 43 साल और आरक्षित वर्ग के 48 साल तक के अभ्यर्थियों को राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) की परीक्षा (MPPSC Exams 2022) में शामिल होने की अनुमति होगी. शिवराज सरकार (Shivraj Government) द्वारा सीधी भर्ती के लिए आयु सीमा में तीन साल की छूट दिए जाने का फैसला लिया गया है, जिससे ओवरएज हो चुके करीब 5 लाख युवाओं को साल 22-23 में होने जा रही सभी परीक्षाओं में शामिल होने का मौका मिलेगा.
केवल एक बार मिलेगा फायदा -
राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं. आदेश में साफ किया गया है कि इस छूट का फायदा उम्मीदवारों को सिर्फ एक बार मिलेगा यानी 2022-23 के बाद के सत्रों में यह लाभ नहीं मिलेगा.
मिलेगा इतना फायदा –
पीएससी की सभी परीक्षाओं में आवेदकों को 3 साल की छूट मिलेगी.यह फायदा अधिकतम उम्र में मिलेगा यानी पीएससी में अनारक्षित वर्ग के 43 साल और आरक्षित वर्ग के 48 साल की उम्र के उम्मीदवार भी परीक्षा में भाग ले सकेंगे. वहीं, सभी वर्ग की महिलाएं 48 साल की उम्र तक परीक्षा में बैठ सकेंगी.
अभी क्या है स्थिति -
यहां बता दे कि पीएससी द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं में फिलहाल सामान्य वर्ग के लिए 40 और आरक्षित वर्ग के लिए अधिकतम आयु 45 वर्ष है. सभी वर्ग की महिलाओं के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 साल है. इसी तरह व्यापमं द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं में ओवरएज हो चुके 12 लाख युवा लाभान्वित होंगे. व्यापमं द्वारा ली जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं में उम्र सीमा अधिकतम 28 से 33 साल तक है. इसमें 3 साल की छूट रहेगी.
कोविड के कारण हुआ फैसला -
सामान्य प्रशासन विभाग की अपर सचिव शैलबाला मार्टिन के हस्ताक्षर से जारी आदेश के मुताबिक कोविड 19 के कारण पिछले 3 सालों में भर्ती परीक्षाएं नियमित आयोजित नहीं हो सकी हैं, जिससे बड़ी संख्या में युवा ओवरएज हो गए. उनके हितों को ध्यान में रखते हुए दिसंबर 2023 तक उम्मीदवारों की अधिकतम आयु में तीन सालों की छूट प्रदान की गई है.
केवल पांच परीक्षा हुईं –
बताया जाता है कि कोरोना के दौरान पीएससी ने 20 बार से ज्यादा और व्यापमं ने 2019 से 2022 के बीच वार्षिक कैलेंडर के हिसाब से 30 बार खाली पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की लेकिन इस दौरान सिर्फ पांच परीक्षाएं ही आयोजित की गईं. दावा किया जा रहा है कि इससे करीब 17 लाख लोग ओवरएज हो गए. इनमें पीएससी के 5 लाख,जबकि व्यापमं के 12 लाख उम्मीदवार शामिल हैं. व्यापमं हर साल 7 से 10 परीक्षाएं आयोजित करता है, जिसमें 17 से 20 लाख युवा शामिल होते हैं. ओवरएज होने वालों की संख्या 3 लाख से ज्यादा है.
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Source: IOCL























