भोपाल में हिंदू सम्राटों के नाम से गेट, नवाबों से दूरी... सिसायत के पीछे क्या हिंदू-मुसलमान है कारण?
MP News: सीएम मोहन यादव ने भोपाल में नई गेट बनाने की घोषणा की है. सीएम मोहन यादव की हालिया घोषणा से जाहिर हो रहा है कि वह एक खास वर्ग विशेष को साधने का प्रयास कर रहे हैं.

MP Politics: मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा कि भोपाल के मार्गों और गेट के नाम राज्य के महापुरुषों के नाम पर होंगे. मोहन यादव ने यह बता दिया है कि सड़कों के नाम सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज जैसे शासकों के नाम से होगा. ऐसे में माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार भोपाल के नवाबों के नाम से दूरी बनाने जा रही है. क्या हिंदुओं को आकृष्ट करने और मुसलमानों से दूरी बनाने की कोशिश है? य़ह हम आगे समझेंगे, पहले यह जानते हैं मोहन यादव ने क्या घोषणा की है?
मोहन यादव की घोषणा
सीएम मोहन यादव ने 4 मार्च को मीडिया से बातचीत में कहा, ''भोपाल और मध्य प्रदेश की पहचान हमारे अपने यहां के वीर शासकों से रही है. इनमें से विक्रमादित्य ने 2100 साल पहले चक्रवर्ती सम्राट की तरह शासन किया था. न्याय,वीरता, ज्ञान, दानशीलता, धैर्रा, पराक्रम और पुरुषार्थ जैसे कई गुणों से उनके शासन की पहचान रही है. उनके 1000 साल बाद राजा भोज अद्वितीय शासक रहे हैं. भोपाल की विशेष पहचान रही है.''
राजा भोज का जिक्र करते हुए मोहन यादव ने कहा, ''उन्होंने बड़ा तालाब जैसी कई रचनाएं की. उनकी ये रचनाएं आज भी भोपाल के इतिहास को जीवंत करती हैं. राजधानी के गौरवशाली अतीत को सामने लाने की जरूरत है. इसलिए हम प्रमुख मार्गों पर उनके नाम से द्वार बनाएंगे. राज्य को उसी दौर में ले जाया जाएगा जिससे राज्य और देश गौरवान्वित हुआ था.
भोपाल के नवाबों का जिक्र तक नहीं
सीएम मोहन यादव ने जब यह घोषणा की तो उन्होंने भोपाल के किसी भी नवाब का नाम नहीं लिया. जिन्होंने 1728 से लेकर 1949 तक भोपाल रियासत पर शासन किया था. उन्होंने हिंदू सम्राटों का जिक्र किया. ऐसे में जाहिर है कि बीजेपी की सरकार मुस्लिम शासकों से दूरी बरत रही है. हालांकि भोपाल में कई सड़कें ऐसी हैं जो नवाबों के नाम पर हैं और मुगल शासकों के नाम पर भी सड़कें मौजूद हैं.
फिल्म छावा को टैक्स फ्री करना भी उसी का संकेत?
हालांकि अब बीजेपी ने अलग रुख अपनाया है. वह हिंदू शासकों को तरजीह देने जा रही है. बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने छत्रपति सांभाजी महाराज पर बनी फिल्म 'छावा' को टैक्स फ्री करने की घोषणा की थी. फिल्म में सांभाजी महाराज पर औरंगजेब के अत्याचार को दिखाया गया है. फिल्म को लेकर हिंदू सेंटिमेंट काफी हावी है. पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर बयान देने पर सपा नेता अबू आजमी को आलोचना का शिकार होना पड़ा है.
हिंदू सेंटिमेंट के कारण लिया फैसला?
आज के दौर में मुगल शासकों के महिमामंडन के खिलाफ हिंदू समाज सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाल रहा है. ऐसे में बीजेपी जिसकी वैचारिक आधारशिला ही हिंदुत्व है वह जनता की भावनाओं को भी भुनाने की संभवत: पूरी कोशिश कर रही है. शायद यही वजह है कि मोहन यादव ने मार्गों के नाम के लिए विक्रमादित्य और राज भोज का चुनाव किया है. बीजेपी शासित दूसरे राज्यों में भी मुगल शासकों के नाम से बनाई गई सड़क या फिर शहर के नाम बदले गए हैं. सीएम यादव बीजेपी की उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.
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Source: IOCL





















