एक्सप्लोरर
Advertisement
MP Cheetah: कूनो पार्क के बड़े बाड़े में नहीं छोड़े जाएंगे नामीबिया से लाए गए 8 चीते, रहेंगे क्वारंटाइन, जानिए वजह
MP Cheetah: नामीबिया से आठ चीते मध्य प्रदेश लाए गए थे. नई जगह होने के कारण इन चीतों को 17 अक्टूबर तक देख-रेख के हिसाब से क्वारंटाइन किया गया था. अब इनके क्वारंटाइन का समय समाप्त होने वाला है.
MP Cheetah: नामीबिया (Namibia) से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) लाए गए आठ चीतों (Cheetah) को लेकर शासन पूरी तरह से सतर्क है. उनकी देख-रेख के लिए हर छोटी-बड़ी बातों का खास ख्याल रखा जा रहा है. हालांकि, अब चीतों ने कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) को ही अपना घर मान लिया है. यही वजह है कि उनकी चहलकदमी में इजाफा देखा जा रहा है. दूसरी तरफ चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ने की प्लानिंग थी. वहीं एक्सपर्ट के छुट्टी पर अमेरिका (America) जाने से चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ने की प्लानिंग रद्द कर दी गई है. ऐसे में अब चीतों को अगले 15 दिन तक और क्वारंटाइन ही रहना होगा.
गौरतलब है कि नामीबिया से आठ चीते लाए गए थे. नई जगह होने के कारण इन चीतों को 17 अक्टूबर तक देख-रेख के हिसाब से क्वारंटाइन किया गया था. अब इनके क्वारंटाइन का समय समाप्त होने वाला है और इन्हें बड़े बाड़े में शिफ्ट किया जाना था. फिलहाल इनकी शिफ्टिंग पर 15 दिन की और रोक लग गई है. इसके पीछे वजह बताई जा रही है डब्ल्यूआईआई भारतीय वन्य जीवन संस्थान के वैज्ञानिक वाईवी झाला छुट्टी पर अमेरिका गए हैं. एक्सपर्ट एडियन टॉर्डिफ के अनुसार वैज्ञानिक झाला की अनुपस्थिति में चीतों को बड़े बाड़े में नहीं छोड़ सकते. प्रधानमंत्री कार्यालय को भी इसकी सूचना दे दी गई है कि प्रो. झाला के आने पर ही चीतों को 600 हेक्टेयर में बने बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा.
ये भी पढ़ें- Jabalpur News: पूरे गांव को स्कूल बना देने वाले टीचर की कहानी जानकर आप भी करेंगे सैल्यूट, हर तरफ हो रही तारीफ
बड़े बाड़े में काम भी अधूरा
सूत्रों के मुताबिक 600 हेक्टेयर में चीतों के लिए तैयार किया जा रहे बड़े बाड़े में काम अधूरा है. बाड़ो के अंदरूनी हिस्सों में कुछ जगह दो मीटर से भी कम उंची है. उन्हें और मजबूत करने की जरूरत है. कुछ हिस्से कमजोर भी हैं, यदि चीता उस जगह से कूदता है तो उसके बाहर जाने की प्रबल संभावना है. बड़े बाड़े में घनी झाडियां हैं, साथ ही एक खुला कुआं भी है, जो इनकी सुरक्षा के लिए खतरा है, जबकि तक बड़े बाडे़े में काम पूरा नहीं हो जाता, चीतों को इसमें छोड़ने की रिस्क नहीं ली जा सकती. बड़े बाड़े में चीतों को शिकारियों से बचाने के लिए जर्मन शेफर्ड डॉग को ट्रेंड किया जा रहा है. हरियाणा के सेंटर में आईटीवीपी के जवान इन्हें प्रशिक्षित कर रहे हैं. इनके प्रशिक्षण के बाद शिकारी चीतों से दूर ही रहेंगे. इन्हें परिपक्व होने में अभी छह महीने का समय लगेगा.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: States News in Hindi
और देखें
Advertisement
ट्रेडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
दिल्ली NCR
इंडिया
बॉलीवुड
आईपीएल
Advertisement
for smartphones
and tablets
and tablets
अवनीश पी. एन. शर्मा, ICCRसलाहकार सदस्य
Opinion