जनजाति क्षेत्रों में अवैध धर्मांतरण पर रोक की मांग, संतों के साथ रैली निकालकर सौंपा ज्ञापन
Dhar News: सरदारपुर में जनजाति क्षेत्रों में कथित अवैध धर्मांतरण कार्यक्रमों पर रोक की मांग को लेकर समग्र हिंदू समाज ने संतों के साथ रैली निकाली। एसडीओपी विश्वदीप सिंह परिहार को ज्ञापन सौंपा गया।

मध्य प्रदेश के धार जिले के सरदारपुर में जनजाति क्षेत्रों में कथित अवैध धर्मांतरण कार्यक्रमों पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर समग्र हिंदू समाज ने बड़ी रैली निकाली. संतों के साथ रैली निकालकर समाज के लोगों ने एसडीओपी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की. रैली में बड़ी संख्या में समाजजन और संत शामिल रहे. समाज के लोगों ने एसडीओपी विश्वदीप सिंह परिहार को ज्ञापन देकर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की. रैली के माध्यम से समाज के लोगों ने जनजाति क्षेत्रों में हो रही गतिविधियों को लेकर अपनी नाराजगी जताई और इन कार्यक्रमों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की.
इन गांवों में हो रहा कथित धर्मांतरण
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि सरदारपुर तहसील के जनजाति बहुल गांव चालनीमाता, अमझेरा, सिरोदा, उटावा, आमलिया सहित आसपास के ग्राम-मजरों और संजय कॉलोनी राजगढ़ क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों द्वारा भोले-भाले जनजाति समाज के लोगों को विभिन्न प्रकार के प्रलोभन दिए जा रहे हैं. समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि इन क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर धर्मांतरण की गतिविधियां चल रही हैं.
प्रलोभन और डर दिखाकर किया जा रहा धर्मांतरण
ज्ञापन के अनुसार, आरोप है कि बीमारियों का भय दिखाकर, प्राकृतिक आपदाओं का डर बताकर तथा अन्य तरीकों से धर्मांतरण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. समाज के लोगों का कहना है कि यह गतिविधियां पैसा एक्ट लागू होने के बावजूद ग्राम समिति की अनुमति के बिना की जा रही हैं. साथ ही, प्रकृति पूजक और सनातन परंपराओं में आस्था रखने वाले जनजातीय समाज के लोगों को उनके द्वारा सदियों से पूजे जा रहे देवी-देवताओं के प्रति अपमानजनक बातें कहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है.
क्रिसमस के समय बढ़ जाती हैं गतिविधियां
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि हर वर्ष क्रिसमस के आसपास इन क्षेत्रों में कथित रूप से धर्मांतरण की गतिविधियां बढ़ जाती हैं. जनजातीय समाज द्वारा पहले भी इसका विरोध किया गया है और प्रशासन को अवगत कराया गया है. लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि इस वर्ष भी क्रिसमस के अवसर पर इन्हीं गांवों और मजरों में ऐसे कार्यक्रमों की आशंका है, जिससे क्षेत्र में तनाव और आक्रोश की स्थिति बन सकती है.
हिंसा की आशंका जताई
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि यदि इस प्रकार की गतिविधियां जारी रहीं तो सामाजिक विवाद और हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. समाज के लोगों ने वर्ष 2024 में संजय कॉलोनी क्षेत्र में हुए कथित विवाद और मारपीट की घटना का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं फिर से न हों, इसके लिए प्रशासन को समय रहते कदम उठाने चाहिए.
प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
ज्ञापन का वाचन प्रकाश बारिया द्वारा किया गया. समाज के लोगों ने प्रशासन से मांग की कि ऐसे सभी कथित धर्मांतरण कार्यक्रमों पर तत्काल रोक लगाई जाए. समाज के लोगों ने कहा कि क्षेत्र में शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो स्थिति गंभीर हो सकती है.
संतों ने भी किया समर्थन
इस रैली में कई संत भी शामिल हुए, जिनमें नागा बाबा राजेंद्र गिरी प्रमुख थे. संतों ने भी जनजाति समाज के साथ खड़े होकर धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाई. संतों ने कहा कि सनातन परंपराओं और जनजातीय संस्कृति की रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है. उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इस मामले को गंभीरता से लें.
क्या है पैसा एक्ट?
मध्य प्रदेश में धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम (पैसा एक्ट) लागू है, जो अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए बनाया गया है. इस कानून के तहत, धर्मांतरण के लिए जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है. बिना अनुमति के धर्मांतरण करने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है.
समाज के लोगों का आरोप है कि इस कानून के बावजूद कुछ लोग अवैध तरीके से धर्मांतरण की गतिविधियां कर रहे हैं.
एसडीओपी ने कहा
एसडीओपी विश्वदीप सिंह परिहार ने समाज के लोगों का ज्ञापन स्वीकार किया और उन्हें आश्वासन दिया कि इस मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि यदि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि की पुष्टि होती है तो कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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Source: IOCL























