लखनऊ: KGMU लव जिहाद मामला, विशाखा जांच के बीच रेजिडेंट डॉक्टर सस्पेंड, FIR भी दर्ज
KGMU News: लखनऊ के KGMU में महिला रेजिडेंट डॉक्टर की शिकायत पर यौन उत्पीड़न और कथित लव जिहाद का मामला सामने आया है. आरोपी जूनियर डॉक्टर रमीज को विशाखा समिति की जांच के बीच निलंबित कर दिया गया है.

लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में यौन उत्पीड़न और कथित लव जिहाद से जुड़ा गंभीर विवाद सामने आया है. आरोप के घेरे में पैथोलॉजी विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर रमीज उद्दीन नायक हैं, जिनके खिलाफ महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने शिकायत दर्ज कराई है. मामला 22 दिसंबर को विशाखा समिति के समक्ष पेशी और उसके बाद की प्रशासनिक कार्रवाई से जुड़ा है.
पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. जानकारी के अनुसार, पीड़िता ने चौक कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने FIR की. आरोप है कि आरोपी डॉक्टर ने पीड़िता को धोखे में रखकर उससे संबंध बनाए. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
एफआईआर दर्ज होने के बाद से आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर फरार बताया जा रहा है. पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है और संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं.
क्या हुआ और कौन-कौन रहा शामिल?
22 दिसंबर को आरोपी लड़का और पीड़ित लड़की दोनों केजीएमयू प्रशासन द्वारा गठित विशाखा कमेटी के सामने पेश हुए थे. समिति के समक्ष आरोपी ने दावा किया कि दोनों के बीच संबंध आपसी सहमति यानी म्युचुअल कंसेंट से बने थे. जब समिति ने आरोपी से उसकी शादी को लेकर सवाल किया तो उसने कहा कि उसकी शादी नहीं हुई है.
हालांकि, उसी विभाग के अन्य साथियों ने समिति को बताया कि आरोपी की शादी हो चुकी है. इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने आरोपी से शपथपत्र यानी एफिडेविट मांगा कि वह लिखित रूप में दे कि उसकी शादी नहीं हुई है, जबकि पीड़िता से अपने आरोपों से जुड़े सबूत प्रस्तुत करने को कहा गया.
डॉक्टर रमीज तत्काल प्रभाव से निलंबित
मामले की गंभीरता को देखते हुए केजीएमयू की आंतरिक शिकायत समिति ने इसे कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 के तहत संज्ञान में लिया. डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर वीरेंद्र आत्म के आदेश के अनुसार, जांच लंबित रहने तक आरोपी डॉक्टर की ड्यूटी पर मौजूदगी निष्पक्ष जांच को प्रभावित कर सकती थी. इसी आधार पर कुलपति की मंजूरी से डॉक्टर रमीज उद्दीन नायक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
निलंबन अवधि में आरोपी किसी भी आधिकारिक कार्य का निर्वहन नहीं करेगा और बिना लिखित अनुमति विश्वविद्यालय या अस्पताल परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेगा. उसे केवल जांच कार्यवाही में उपस्थित होने की अनुमति होगी और मुख्यालय केजीएमयू लखनऊ ही रहेगा.
क्या है पूरा मामला और मौजूदा स्थिति
शिकायत के अनुसार, आरोपी डॉक्टर पर आरोप है कि उसने अपनी शादी की सच्चाई छिपाकर हिंदू महिला रेजिडेंट डॉक्टर को प्रेम संबंध में फंसाया और बाद में उस पर धर्मांतरण का दबाव बनाया. इसी को लेकर मामला लव जिहाद के आरोपों तक पहुंच गया है.
कॉलेज प्रशासन ने आरोपी को एफिडेविट जमा करने के लिए आज तक का समय दिया था, लेकिन आज सुबह से आरोपी न तो कॉलेज परिसर में उपलब्ध है और न ही अपने घर पर. फिलहाल विशाखा समिति की जांच जारी है और केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि सभी तथ्यों और सबूतों के आधार पर निष्पक्ष निर्णय लिया जाएगा.
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Source: IOCL























