होली-जुमा विवाद पर MP में सियासत गर्माई, मंत्री और विधायक बोले-'जिसको रंगों से परहेज है...'
Holi and Juma: देश में होली और जुमा के एक साथ आने पर नेताओं की बयानबाजी थम नहीं रही है. मध्य प्रदेश में जमकर सियासत हो रही है. बीजेपी नेताओं ने कहा कि जिसको रंगों से परहेज है, वो घर से न निकले.

Holi-Juma Controversy: रंगों का त्योहार होली और रमजान का जुमा एक साथ पड़ रहा है. शुक्रवार को होली खेली जाएगी. दूसरी तरफ जुमे की भी नमाज अदा की जाएगी. होली और जुमे की नमाज एक दिन होने से देशभर में सियासत हो रही है. अब मध्य प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि जिसको रंग से परहेज है, वह घर से न निकले.
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "भारत की परंपरा में सभी लोग होली के महत्व को जानते हैं. होली के त्योहार को सौहार्द का पर्व माना जाता है. कौन किस जाति और धर्म के लोगों को रंग लगा रहा है, कोई भी नहीं पूछता है. किसी को भी रंगों के पर्व से परहेज नहीं करना चाहिए और अगर करता है तो अपने घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. जिसको देश के प्रति निष्ठा नहीं है, वह देश के बाहर जा सकता है."
होली और जुमे की नमाज एक दिन
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, "भगवान राम, कृष्ण, महावीर, गौतम बुद्ध और गुरुनानक की धरती पर होली का रंग खेला जाता था. होली के रंग से किसी को भी परहेज नहीं होना चाहिए. मैं मुस्लिमों से पूछना चाहता हूं कि जब उनके यहां दूल्हे को हल्दी लगाई जाती है तो हल्दी से परहेज क्यों नहीं है? हल्दी को रंगों में ही गिना जाता है और उससे ही रंग बनता है. उन्हें रंगों से नफरत क्यों हैं?
विवाद पर क्या बोले रामेश्वर शर्मा?
उनको धरती के त्योहारों से नफरत हो रही है. मैं कहना चाहूंगा कि देश में धूमधाम और मिलजुलकर रहें. हिंदू खुद ईद की सेवई खिलाने के लिए आएगा. अगर उन्हें रंगों से परहेज है तो घर से न निकलें." उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि किसी भी चीज को ढकने की जरूरत नहीं है. मुसलमानों को ईद मनाने और नमाज पढ़ने की पूरी छूट है. मगर रंग में भंग डालने की किसी को भी छूट नहीं है और जो रंग में भंग डालेगा उसे जेल भेज दिया जाएगा."
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