Jharkhand: चुनाव तैयारियों पर बन्ना गुप्ता का तंज, बोले- 'हमारा राजनीतिक स्वास्थ्य अच्छा, क्योंकि हम करेला और नीम का घूंट...'
बन्ना गुप्ता ने कहा कि, पीएम को राजनीतिक बातचीत के लिए लाल किले के अलावा कोई और जगह चुननी चाहिए थी, क्योंकि लाल किले से भारत के नागरिक सुनना चाहते हैं कि पीएम देश के लिए क्या करना चाहते हैं.

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में अब कुछ ही महीने बचे हैं. ऐसे में झारखंड में पक्ष-विपक्ष दोनों एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. इस बीच झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने चुनाव तैयारियों को लेकर कहा कि, झारखंड का राजनीतिक स्वास्थ्य एकदम अच्छा है क्योंकि हम करेला, कुटकी और नीम का घूंट पी रहे हैं. बता दें कि, ये करेला, कुटकी और नीम ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स है जो हमें आगे लड़ने के लिए और मजबूत बना रहे हैं. बता दें कि, हाल ही में ईडी ने जमीन घोटाले मामले में सीएम हेमंत सोरेन को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था.
वहीं बन्ना गुप्ता ने पीएम मोदी द्वारा 15 अगस्त को दिए हुए भाषण पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, पीएम को राजनीतिक बातचीत के लिए लाल किले के अलावा कोई और जगह चुननी चाहिए थी. लाल किले से भारत के नागरिक सुनना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री इस देश को कहां ले जाना चाहते हैं और इस देश को समृद्ध बनाने के लिए प्रधानमंत्री की क्या योजनाएं हैं.
#WATCH| Jharkhand Health Minister Banna Gupta says, "The political health in Jharkhand is good as we're drinking the sip of 'karela', 'kutki' and neem. These karela, kutki, and neem are ED, CBI and Income Tax. These things are making us strong to fight...We'll talk about how in… pic.twitter.com/WuMO7xsjND
— ANI (@ANI) August 16, 2023
जीत के लिए पार्टियों में लगी जबरदस्त होड़
बता दें कि, झारखंड में अगले साल लोकसभा के तुरंत बाद विधानसभा के भी चुनाव होने हैं. इसलिए सभी अपनी-अपनी जमीन पुख्ता करने में लगे हुए हैं. एनडीए में दो दल बीजेपी और आजसू पार्टी हैं तो विपक्षी गठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) हैं. लगातार दो बार से लोकसभा चुनाव में एनडीए मजबूत बना हुआ है, लेकिन इस बार उसे पछाड़ने के लिए विपक्ष ने भी कम तैयारी नहीं की है. झारखंड में अभी गैर एनडीए यानी जेएमएम के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन की सरकार है.
ऐसे में जेएमएम के सामने एक साथ दो चुनौतियां हैं. पहला, लोकसभा में एनडीए की सीटें कम करना और दूसरा विधानसभा में अपना वर्चस्व बचाए रखना. एनडीए के सामने भी यही दो चुनौतियां हैं. पहले की तरह लोकसभा की अधिकतर सीटों पर जीत हासिल करना और विधानसभा में खोया रुतबा हासिल करना. दोनों ओर से अपने-अपने मकसद में कामयाब होने के लिए जबरदस्त होड़ लगी है.
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