झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी को कोर्ट से लगा बड़ा झटका, इस मामले में याचिका खारिज, अब क्या होगा?
Jharkhand News: इरफान अंसारी पर 19 अगस्त 2020 को रांची के डोरंडा निवासी योग शिक्षिका राफिया नाज ने सिविल कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराया था. इस मामले में कोर्ट से उन्हें झटका लगा है.

योग शिक्षिका राफिया नाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री और जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी को रांची सिविल कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उनकी सशरीर उपस्थिति से छूट की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. अब उन्हें अदालत में सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा.
यह आदेश बुधवार को एमपी/एमएलए मामलों के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा की अदालत ने सुनाया. मंत्री अंसारी की ओर से अदालत में उपस्थिति से छूट के लिए याचिका 23 मई को दायर की गई थी, जिस पर 5 जुलाई को दोनों पक्षों की अंतिम बहस के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था.
शिकायतकर्ता राफिया नाज के अधिवक्ता जितेंद्र कुमार वर्मा ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मंत्री का मुख्यालय राजधानी रांची में ही है और अदालत भी पास में स्थित है, ऐसे में उपस्थिति से छूट का कोई औचित्य नहीं है.
बचाव पक्ष ने याचिका पर विस्तार से दलीलें रखते हुए मंत्री की व्यस्तता का हवाला दिया था, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया. यह मामला 19 अगस्त 2020 का है, जब रांची के डोरंडा निवासी योग शिक्षिका राफिया नाज ने सिविल कोर्ट में इरफान अंसारी के खिलाफ शिकायतवाद दर्ज कराया था.
आरोप है कि मंत्री ने एक निजी समाचार चैनल पर उनके पहनावे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे उनकी छवि धूमिल हुई और धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. शिकायत में अंसारी पर स्त्री लज्जा भंग करने, भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने, धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने और जानबूझकर अपमानित करने जैसे आरोप लगाए गए हैं.
मामले में कोर्ट ने इसी साल फरवरी में मानहानि और शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने की धाराओं में संज्ञान लेते हुए मंत्री के खिलाफ समन जारी किया था.
एसएनसी/एबीएम
Source: IOCL