उमर अब्दुल्ला कैबिनेट में फिर क्यों नहीं शामिल हो रही है कांग्रेस? पार्टी ने साफ किया स्टैंड
Omar Abdullah Cabinet Expansion: उमर अब्दुल्ला चार और नेताओं को कैबिनेट में जगह देने वाले हैं. दिलचस्प है कि कांग्रेस एक बार फिर सरकार में शामिल नहीं होगी. पार्टी ने इसकी वजह बताई है.

जम्मू-कश्मीर में इस सप्ताह के आखिरी तक कैबिनेट का विस्तार हो सकता है. दिलचस्प है कि कांग्रेस एक बार फिर उमर अब्दुल्ला सरकार में शामिल नहीं होगी. हालांकि पार्टी बाहर से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को समर्थन देती रहेगी. कांग्रेस पिछले साल अक्टूबर में भी उमर अब्दुल्ला के शपथ के दौरान साफ किया था कि वो कैबिनेट में शामिल नहीं होगी.
तनवीर सादिक, फारूक शाह, डॉ. बशीर वीरी, मियां मेहर अली, कैसर जमशीद लोन को उमर अब्दुल्ला कैबिनेट में शामिल कर सकते हैं. फीके प्रदर्शन के कारण मौजूदा मंत्री सतीश शर्मा को छुट्टी मिल सकती है.
कांग्रेस क्यों कैबिनेट में नहीं हो रही है शामिल?
कांग्रेस का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं देगी, उसके नेता कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे. साथ ही कांग्रेस के कैबिनेट से दूर रहने को नेशनल कॉन्फ्रेंस का केंद्र सरकार से सकारात्मक रिश्ता रहने की उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है.
कांग्रेस ने मंगलवार को भी पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. इसके बाद बुधवार (23 जुलाई) को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इसमें मौजूद रहे दिग्विजय सिंह ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर में गठबंधन की सरकार है. गठबंधन सरकार में कांग्रेस ने स्टैंड लिया हुआ है कि जब तक पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा, हम कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे. गठबंधन सरकार में कॉर्डिनेशन होना जरूरी है. इसके लिए हमें और नसीर हुसैन को जिम्मेदारी दी गई है कि हम नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता से बात करें.''
उन्होंने कहा, ''जो वायदे हमने जनता से किए हैं. वो पूरा करा है. लेकिन दिक्कत ये है कि आज हालात इतने बुरे हैं कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री जो निर्वाचित हुए हैं, उन्हें पुलिस रोक देती है, सरकार की कोई फाइल LG की स्वीकृति के बिना आगे नहीं बढ़ पाती है। ऐसे में जनता से किए वादों को पूरा करने के लिए जम्मू-कश्मीर को स्टेटहुड मिलना बहुत जरूरी है.'' दिग्विजय सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी जाएगी और हालात के बारे में लोगों को जानकारी देगी.
उमर अब्दुल्ला की नाराजगी
कांग्रेस के मंगलवार के प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुले तौर पर नाराजगी जताई है. उन्होंने मीडिया के सवाल पर कहा कि हमें इसकी सूचना नहीं दी गई. अगर दी जाती तो हम भी समर्थन करते. साथ ही उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमने पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग उठाई.
राज्यसभा चुनाव का कनेक्शन
सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी ने अपने अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला और पूर्व मंत्री चौधरी मुहम्मद रमजान को राज्यसभा के लिए मैदान में उतारने का भी फैसला किया है. साथ ही एक संभावित तीसरी राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस का समर्थन भी किया है, जिसे एनसी-कांग्रेस गठबंधन हथियाने की कोशिश कर सकता है.
हालांकि कांग्रेस के साथ किसी भी मतभेद की स्थिति में पार्टी कोषाध्यक्ष और सीएम उमर अब्दुल्ला के करीबी शम्मी ओबेरॉय के नाम पर भी राज्यसभा नामांकन के लिए गंभीरता से विचार किया जा रहा है.
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