जम्मू-कश्मीर छोड़कर पाकिस्तान चले गए लोगों की संपत्ति को लेकर BJP की बड़ी मांग, क्या है पूरा मामला? जानें
Jammu Kashmir News: बीजेपी ने उमर अब्दुल्ला सरकार से लोगों को उन संपत्तियों का स्वामित्व देने की मांग की है जो 1947 में कश्मीर छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे.

Evacuee Lands In Jammu Kashmir: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 1947 में जम्मू कश्मीर छोड़कर पाकिस्तान चले गए लोगों की संपत्ति का मलिकाना हक उन लोगों को देने की मांग की है, जो इस समय उस जमीन पर रह रहे हैं. इसके साथ ही बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में इन संपत्तियों की देखरेख करने वाले इवेक्यू (Evacuee) डिपार्टमेंट को खत्म करने की मांग की है.
जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के प्रवक्ता और वकील अंकुर शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 16 अगस्त 2024 को एक आदेश पारित कर के यह कहा गया था जो 1947, 65 और 71 के शरणार्थी हैं, उन्हें जो कस्टोडियन की संपत्तियां दी गई हैं और उन्हें जो इवेक्यू संपत्ति अलॉट की गई है, उसके मालिकाना हक दिए जाएंगे.
बीजेपी नेता ने दावा किया कि उमर अब्दुल्ला सरकार ने इस आदेश का क्रियान्वयन रोक दिया है. यह आदेश लागू नहीं किया जा रहा. हम मांग करते हैं कि आदेश को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाना चाहिए.
क्या है इवेक्यू संपत्ति?
इवेक्यू संपत्ति वो संपत्ति है जो 1947 में उन लोगों ने जम्मू कश्मीर में छोड़ी थी, जो उस समय पाकिस्तान के साथ चले गए थे. इस संपत्ति की निगरानी के लिए कस्टोडियन और इवेक्यू डिपार्टमेंट बनाया गया. अब बीजेपी की मांग है कि इन विभागों को खत्म किया जाना चाहिए और इन सारी संपत्तियों को उनके नाम किया जाना चाहिए जो इन संपत्तियों में रह रहे हैं.
अंकुर शर्मा ने कहा, ''पहला कदम बीजेपी सरकार ने लिया है और अब दूसरा कदम उमर अब्दुल्ला को लेना है. इसके साथ ही कस्टोडियन विभाग को खत्म किया जाना चाहिए, क्योंकि आप ऐसा विभाग नहीं रख सकते जो उन संपत्तियों की देखरेख करें जो 1947 में पाकिस्तान जाने वाले लोग छोड़कर चले गए थे.''
क्या है लोगों का कहना?
उन्होंने कहा, ''यह करीब 256846 संपत्तियां है. इन संपत्तियों में करीब 10 लाख लोग रह रहे हैं. हम लोगों के मौलिक अधिकारों के लिए खड़े हैं.''
इन संपत्तियों में रहे लोगों का दावा है कि वो लोग 1947 से इन संपत्तियों की देखरेख कर रहे हैं, लेकिन इन संपत्तियों का मालिकाना हक उनके पास न होने से ना तो इन संपत्तियों पर कोई लोन ले सकते हैं और ना ही इन्हें बेच सकते हैं.
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Source: IOCL























