फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान, 'कश्मीरी पाकिस्तान के संग दोस्ती के साथ रहने को तैयार लेकिन...'
Farooq Abdulla News: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान को याद करते हुए कहा कि हम अपने दोस्त बदल सकते हैं पड़ोसी नहीं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर में आतंकवाद बंद करना चाहिए.

Farooq Abdulla On Pakistan: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार (11 अप्रैल) को कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को दो टूक सुना दी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर में आतंकवाद को बंद करना चाहिए. अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी उनके साथ दोस्ती के साथ रहने को तैयार हैं.
दरअसल, फारूक अब्दुल्ला ने ये बयान श्रीनगर के टैगोर हॉल में दिया जहां वह एक नाटक के मंचन के मुख अतिथि थे जो कश्मीर घाटी में हिंदू-मुस्लिम सहयोग और कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के मुद्दे पर बनाया गया था.
'हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं'
नाटक देखने के बाद मीडिया कर्मियों से बात करते हुए फारूक ने कश्मीर में हालात पर बात करते हुए कहा कि "हम कभी उनके नहीं बन सकते लेकिन हम दोस्ती में एक दूसरे के साथ शांति से रह सकते हैं." पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान को याद करते हुए कहा, "हम अपने दोस्त बदल सकते हैं पड़ोसी नहीं. पाकिस्तान को भी जम्मू कश्मीर को भूल कर यहां चल रहे आतंकवाद को रोकना चाहिए."
कश्मीर घाटी में खत्म हो रहे अलगाववाद और हुर्रियत के कई घटक दलों के छोड़ने पर कटाक्ष करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने सवाल उठाया कि सरकार साफ करे कि आख़िर ऐसे बयान देने वालो की झिझक क्या है. उन्होंने कहा, "हुर्रियत को कौन छोड़ रहा है, क्या नाम है उनका और उनके संगठन की क्या हकीकत है. कितने बड़े ये लोग हैं. ये गलत है और जमीनी हकीकत कुछ और है."
फारूक अब्दुल्ला ने ये भी कहा, "जुम्मे के दिन जामिया मस्जिद बंद करना और मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद करना एक गलत संदेश देश दुनिया में दे रहा है. हम जामिया मस्जिद को बंद करते हैं तो कैसे हम दुनिया को बताएंगे यहां सब ठीक है."
कश्मीरी पंडितों पर क्या कहा?
पूर्व सीएम अब्दुल्ला ने कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के मुद्दे पर कहा, "अगर खुदा का घर नमाज के लिए सुरक्षित नहीं है तो हम उनको (कश्मीरी पंडितों) को कैसे ये कह सकते हैं कि आप वापस आ जाएं. क्या हमने यहां माहौल उनके लिए सुरक्षित बनाया है? उन्होंने ये भी कहा कि जब तक कश्मीरी पंडितों को ये एहसास नहीं हो जाता कि उनकी माता-बहनें यहां सुरक्षित हैं तब तक कश्मीरी पंडित वापस कश्मीर नहीं लौटेंगे.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























