‘कश्मीरी पंडित भाइयों को अब...’, जम्मू-कश्मीर में सरकारक गठन से पहले फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान
Farooq Abdullah on Kashmiri Pandits: दशहरा कार्यक्रम के दौरान फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों को अब वापस आ जाना चाहिए.
NC President Farooq Abdullah on Kashmiri Pandits: श्रीनगर के एसके स्टेडियम में रावण के 30 फुट ऊंचे पुतले का दहन किया गया. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला भी दशहरा कार्यक्रम में शामिल हुए. वहीं मीडिया से बातचीत के दौरान अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे कश्मीरी पंडित भाइयों को जल्द से जल्द कश्मीर वापस आना चाहिए. हम उनकी वापसी चाहते हैं उनकी वापसी के लिए हमसे जो बन पड़ेगा हम वह करेंगे.
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने कहा कि आज के दशहरा के त्यौहार में हमें अपने कश्मीरी पंडित भाइयों की कमी खली हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि हम अगले साल अपने कश्मीरी पंडित भाइयों के साथ यह त्यौहार मनाएं.
#WATCH | Srinagar, J&K: National Conference President Farooq Abdullah says, "I hope that our brothers and sisters who have left from here come back home. Now the time has come, they should return to their homes. We do not think only about Kashmiri Pandits, but we also think about… pic.twitter.com/vGOFKGt9aW
— ANI (@ANI) October 12, 2024 [/tw]
‘हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं’
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि हम सिर्फ कश्मीरी पंडितों के बारे में नहीं सोचते, बल्कि हम जम्मू के लोगों के बारे में भी सोचते हैं. हमें उनके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए, उन्हें भी यह महसूस होना चाहिए कि नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार उनकी दुश्मन नहीं है. हम भारतीय हैं और हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं.
वहीं जब अब्दुल्ला से पूछा गया कि आप कितने सालों के बाद दशहरा कार्यक्रम में शामिल हुए हैं इसपर उन्होंने कहा कि मुझे पहली बार बुलाया गया है. मैं पांच साल से विधानसभा का सदस्य हूं मुझे किसी ने नहीं बुलाया. आज जब मुझे बुलाया गया तो मैं आ गया.
‘सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है’
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का है. यहां हालत बहुत खराब है दफ्तरों में कर्मचारियों की कमी है, डाक्टरों, नर्सों, परॉमेडिकल स्टॉफ की भी कमी है. स्कूलों में शिक्षकों की भी कमी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर को एकजुट करना और इस चुनाव में फैली नफरत को खत्म करना होगा. राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए.
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