Operation Sindoor: ओवैसी के तीखे तेवर, तो महबूबा मुफ्ती ने जताई चिंता! ऑपरेशन सिंदूर पर दोनों की राहें कितनी हैं अलग
Operation Sindoor: असदुद्दीन ओवैसी ने पाक और आतंक के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर का खुलकर समर्थन किया. वहीं महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरियों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताई

Asaduddin Owaisi vs Mehbooba Mufti on Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लगातार सख्त और स्पष्ट रुख दिखाया है. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की कार्रवाई का खुलेआम समर्थन किया. वहीं, पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती इस मामले में अब तक साफ तौर पर कुछ कहने से बचती आई हैं.
बात असदुद्दीन ओवैसी की करें तो 7 मई को ही यानी जिस दिन ऑपरेशन सिंदूर की खबर सामने आई थी, उन्होंने X पर पोस्ट कर लिखा- मैं हमारी सेनाओं की तरफ से पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए हमलों का स्वागत करता हूं. पाकिस्तानी डीप स्टेट को ऐसी सख्त सीख दी जानी चाहिए कि फिर कभी दूसरा पहलगाम न हो. पाकिस्तान के आतंक ढांचे को पूरी तरह नष्ट कर देना चाहिए.
पूरे पाकिस्तान में आतंकी कैंप खत्म किए जाएं- असदुद्दीन ओवैसी
उन्होंने सर्वदलीय बैठक में भी सरकार को सलाह दी कि केवल 9 ठिकानों तक न रुका जाए, बल्कि पूरे पाकिस्तान में आतंकी कैंप खत्म किए जाएं. साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को घेरने और FATF की ग्रे लिस्ट में वापस लाने की वकालत की.
#WATCH | Delhi | After the all-party meeting, AIMIM chief Asaduddin Owaisi says, "I have complimented our armed forces and the government for #OperationSindoor. I also suggested that we should run a global campaign against the Resistance Front (TRF). I also suggested that the… pic.twitter.com/cPca9t6IHA
— ANI (@ANI) May 8, 2025
सोशल मीडिया पर लगाए 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे
यही नहीं, ओवैसी ने पाकिस्तान के जवाबी ऑपरेशन ‘बुनयान अल-मरसूस’ का कुरान की आयतों के माध्यम से व्यंग्यात्मक जवाब देते हुए पाकिस्तान की "दोहरी नीति" पर सवाल उठाए. रहीम यार खान एयरबेस पर हुए हमले के बाद उन्होंने पाकिस्तान और चीन दोनों पर तंज कसा. साथ ही "पाकिस्तान मुर्दाबाद" जैसे नारे लगाकर उन्होंने सोशल मीडिया पर भी देशभक्ति का संदेश दिया. उनका यह आक्रामक रुख बताता है कि वे न केवल आतंकी संगठनों के खिलाफ हैं, बल्कि पाकिस्तान की पूरी नीति को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करने की मांग कर रहे हैं.
#WATCH | Hyderabad, Telangana | AIMIM chief Asaduddin Owaisi says, "... Pakistan has named their new attack 'Bunyan-al-Marsoos.' This is from a verse in the Quran Sharif in which Allah says that if you love Allah, then stand like a solid wall. But the Pakistan Army and… pic.twitter.com/jpnd1dMnYb
— ANI (@ANI) May 10, 2025
ऑपरेशन सिंदूर पर महबूबा मुफ्ती के बयान
वहीं पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने इस पूरे मसले पर एकदम विपरीत रुख अपनाया. उन्होंने सीधे तौर पर ऑपरेशन सिंदूर पर कोई बयान नहीं दिया, लेकिन पहलगाम हमले के बाद उनकी प्रतिक्रिया सामने आई थी. मुफ्ती ने पहलगाम हमले का विरोध किया साथ ही उन्होंने कहीं भी आतंकवाद का समर्थन नहीं किया. लेकिन 7 मई के ऑपरेशन सिंदूर पर भी उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. हालांकि इसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को हमेशा रोकने की ही वकालत की है. वहीं उन्होंने मुखर होकर सीजफायर पर कई बयान भी दिए.
उनकी चुप्पी को राजनीतिक विश्लेषकों ने रणनीतिक माना है. चूंकि पीडीपी का समर्थन आधार जम्मू-कश्मीर में है, जहां भारत-पाक तनाव और सैन्य कार्रवाईयों पर जनता की राय बंटी होती है, इसलिए महबूबा मुफ्ती ने शायद राष्ट्रीय भावना और स्थानीय भावनाओं के बीच संतुलन साधने के लिए खुद को सीमित टिप्पणी तक रखा. विश्लेषकों के अनुसार, वह बातचीत और शांति प्रक्रिया की पक्षधर रही हैं और ऐसी सैन्य कार्रवाइयों से दूरी बनाकर अपनी पुरानी नीति के अनुरूप ही चल रही हैं.
जहां ओवैसी खुलकर आतंक और पाकिस्तान पर हमलावर हैं, वहीं महबूबा मुफ्ती कश्मीर के नागरिकों पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित नजर आती हैं.
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Source: IOCL
























