हिमाचल में चिट्टा की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए लाया जाएगा सख्त विधेयक, जानें उपमुख्यमंत्री ने क्या कहा?
Himachal News: हिमाचल में चिट्टा की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए कड़े प्रावधानों वाला विधेयक लाया जाएगा. इस विधेयक के तहत चिट्टा तस्करी में शामिल होने के आरोपी को छह महीने तक हिरासत में रखा जाएगा.

Himachal News: हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य में चिट्टा (मिलावटी हेरोइन) की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए कड़े प्रावधानों वाला विधेयक लाएगी. अग्निहोत्री ने कांग्रेस के केवल सिंह पठानिया द्वारा पेश किए गए एक निजी प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधानसभा में जवाब देते हुए शनिवार (22 मार्च) को कहा कि नशीले पदार्थों की समस्या से युद्ध स्तर पर लड़ना होगा.
उन्होंने कहा कि राज्य में पीआईटी-एनडीपीएस (स्वापक औषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार की रोकथाम का अधिनियम) पहले ही लागू किया जा चुका है और चिट्टा तस्करी में शामिल होने के आरोपी को छह महीने तक हिरासत में रखा जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल में विधानसभा को बताया कि पिछले तीन साल में चिट्टा की खपत में 30 प्रतिशत की कमी आई है.
प्रदेश को चिट्टा मुक्त बनाने के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। pic.twitter.com/Q30QDpcBF0
— Mukesh Agnihotri (@Agnihotriinc) March 23, 2025
प्रस्ताव किया पेश
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने पंजाब में नशीले पदार्थों की समस्या पर बनी फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ का संदर्भ देते हुए हिमाचल में मादक द्रव्यों के खतरे को ‘रेंगता हिमाचल’ कहा. पठानिया ने चिट्टा तस्करी को खत्म करने के संबंध में प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने चिट्टा तस्करी को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाए जाने का आह्वान किया.
'चिट्टा की समस्या पर उठाए गए कदम अपर्याप्त हैं'
उन्होंने जोर देकर कहा कि खेल गतिविधियों के लिए अधिक धन मुहैया कराया जाना चाहिए ताकि युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित किया जा सके. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के त्रिलोक जामवाल ने कहा कि चिट्टा की समस्या पर उठाए गए कदम अपर्याप्त हैं. उन्होंने भांग की खेती का भी विरोध किया.
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Source: IOCL






















