कुल्लू में आयोजित देव संसद में चौंकाने वाला खुलासा! देवी-देवता नाराज, दी प्रलय जैसी चेतावनी!
HP News: कुल्लू के नग्गर में हुई देव संसद में 260 से अधिक देवी-देवताओं ने धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने की अपील की. देवताओं ने चेताया कि इन्हें पर्यटन स्थल बनाने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू की पुरातन ऐतिहासिक राजधानी रही नग्गर के जगती पट्ट में शुक्रवार (31 अक्टूबर) को देव संसद का आयोजन किया गया. इस देव संसद में 260 से अधिक देवी-देवताओं ने भाग लिया.
देव संस्कृति के इतिहास में पहली बार मंडी जिला की स्नोर घाटी और लाहुल घाटी के देवताओं ने भी इस जगती में शिरकत की. जगती के दौरान सभी देवी-देवताओं ने स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थलों को धार्मिक ही रहने दें, इन्हें पर्यटन स्थल न बनाएं, वरना भविष्य में और अधिक गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहें. जिला में आ रही आपदाओं को लेकर चिंता जाहिर की गई.
देव स्थलों में छेड़छाड़ से नाराज हैं देवी-देवता
देव संसद में यह बात निकलकर सामने आई कि देव स्थलों में जो छेड़छाड़ की जा रही है, उससे भी देवी-देवता खासे नाराज हैं. ऐसे में सभी देवी-देवताओं को आने वाला समय प्रलय का नजर आ रहा है. इसके अलावा सड़कों पर जो गौ माता का तिरस्कार हो रहा है, उससे भी देवी-देवताओं पर बोझ बढ़ रहा है और दुनिया में प्रलय जैसे हालात बने हैं.
देव नीति में राजनीति बिल्कुल भी न लाई जाए- दानवेंद्र सिंह
भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया कि देवी-देवताओं ने इस जगती में स्पष्ट किया है कि देव नीति में राजनीति बिल्कुल भी न लाई जाए. देवताओं ने नाराज होते हुए कहा कि आज इंसान देवी-देवताओं से बड़ा हो गया है और देव नियमों का हर जगह उल्लंघन हो रहा है.
ढालपुर मैदान में भी आए दिन छेड़छाड़ की जा रही है और देव स्थान को अपवित्र किया जा रहा है. ऐसे में जल्द से जल्द इन सभी चीजों पर रोक लगनी चाहिए. देवी-देवताओं ने साफ किया है कि प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए अब यहां पर महायज्ञ किया जाना चाहिए और देवी-देवताओं को भी मिलकर प्रसन्न करना चाहिए. अब सभी देवी-देवताओं की राय के बाद जल्द ही महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा. एक महायज्ञ नग्गर के जगती पट्ट में किया जाएगा और दूसरा महायज्ञ ढालपुर मैदान में किया जाएगा.
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