Delhi-NCR Pollution: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण निपटने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बनाया ये खास प्लान
सीएम केजरवाल ने कहा कि एजेंसी से बात करके, केंद्र से बात करके अगर ऐसे हालात बनते हैं तो फिर दिल्ली के अंदर सारे प्राइवेट गाड़ियां, कंस्ट्रक्शन, ट्रांसपोर्ट, व्हेकिलुर एक्टिविटी बंद की जा सकती हैं.
Delhi-NCR Pollution: दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. देश की राजधानी में शनिवार को AQI 473 रहा. यही कारण है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 17 नवंबर तक निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी है, जबकि सोमवार से एक हफ्ते के लिए स्कूल बंद किए जा रहे हैं, हालांकि ऑनलाइन क्लासेज चलेंगी. सरकारी अधिकारी एक हफ्ते तक घर से काम करेंगे, निजी कार्यालयों को भी इसका पालन करने की सलाह दी गई है. शनिवार को बैठक के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा कि हम दिल्ली में लॉकडाउन के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट में योजना पेश करेंगे.
'दिल्ली में प्रदूषण कंट्रोल के लिए कठोर कदम उठाना मजबूरी'
केजरीवाल ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट में बार-बार ये सुझाव निकल कर आ रहा था कि क्या कंप्लीट लॉकडाउन किया जा सकता है. हम इस पर एक प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं. सारी एजेंसी से बात करके, केंद्र से बात करके अगर ऐसे हालात बनते हैं तो फिर उसमें दिल्ली के अंदर सारे प्राइवेट गाड़ियां, कंस्ट्रक्शन, ट्रांसपोर्ट, व्हेकिलुर एक्टिविटी बंद की जा सकती हैं. अभी केवल प्रस्ताव के रूप में कोर्ट के सामने रखेंगे. कठोर कदम उठाना मजबूरी है. उम्मीद करता हूं कि सभी सरकारें काम कर रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान में लिया है."
एनसीआर क्षेत्र में नोएडा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर
दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नोएडा शनिवार को सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा, जबकि गुरुग्राम दूसरे नंबर पर और फरीदाबाद तीसरे नंबर पर रहा. एनसीआर के सभी प्रमुख शहर अति गंभीर श्रेणी में हैं. वायु प्रदूषण के "मापक ऐप" समीर के अनुसार शनिवार को नोएडा की एक्यूआई 484 रही जबकि गाजियाबाद की 460, ग्रेटर नोएडा की 444, फरीदाबाद की 468, बल्लभगढ़ की 429, गुरुग्राम की 432, आगरा 405, बहादुरगढ़ 439, बल्लभगढ़ 429 भिवानी 476, बुलंदशहर 479, हापुड़ 405, मेरठ 350 एक्यूआई दर्ज की गई.
प्रदूषण की वजह से बीमार पड़ रहे हैं लोग
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से दमा खांसी एवं टीबी के मरीजों की स्थिति बहुत ही नाजुक बनी हुई है. लोगों की आंखों में जलन हो रही है तथा छोटे-छोटे बच्चे प्रदूषण की वजह से बीमार पड़ रहे हैं. गौतम बुद्ध नगर में पाबंदी के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. इससे जिले की आबोहवा दमघोंटू हो गई है. शनिवार को नोएडा 484 हवा गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के साथ देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि 4 44 एक्यूआई के साथ ग्रेटर नोएडा भी डार्क जोन में रहा. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक हवा को जहरीली बनाने में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक बढ़ गई है. इससे प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है.
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