LNJP में नवजात बच्ची को मृत बताने का मामला, विपक्ष ने दिल्ली सरकार के हेल्थ मॉडल पर खड़े किए सवाल
LNJP Hospital Negligence: कांग्रेस और BJP ने केजरीवाल सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. महिला आयोग की खामोशी ने दिल्ली सरकार पर सवाल उठा दिए हैं. अस्पताल में जांच टीम बना दी है.
LNJP Hospital: दिल्ली के मशहूर, लोक नायक जय प्रकाश हॉस्पिटल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसमें एक नवजात बच्ची, जो समय से पहले पैदा हुई थी को मृत बताकर डॉक्टरों ने उसे ग्लब्स के एक डिब्बे में पैक कर परिजनों के हवाले कर दिया. लेकिन जब ढाई घंटे के बाद गम में डूबे बच्ची के परिजन घर पहुंचे और अंतिम बार उसे देखने के लिए डिब्बे को खोला तो उस डिब्बे को खोलते ही उनके चेहरे पर मुस्कुराहट और आश्चर्य के भाव एक साथ उभर आए, क्योंकि बच्ची के हाथ हिल रहे थे.
बच्ची के परिजन भाग कर पास के डॉक्टर के पास पहुंचे, जहां उन्हें स्थानीय डॉक्टर ने उसके जिंदा होने की बात बताकर जल्दी हॉस्पिटल ले जाने को कहा. बच्ची के परिजन उसके जिंदा होने की खुशी में बेतहाशा भागते हुए एलएनजेपी हॉस्पिटल पहुंचे. लेकिन हॉस्पिटल प्रशासन ने अपनी लापरवाही होने के बावजूद बच्ची की जांच करने से मना कर दिया. जिस पर परिजन हॉस्पिटल में हंगामा करने लगे और पुलिस को कॉल करके सूचना दी. जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और तब जा कर हॉस्पिटल प्रशासन ने बच्ची को एडमिट कर उसकी जांच शुरू की.
लापरवाही की जांच के लिए हॉस्पिटल ने गठित की टीम
बता दें कि 17 फरवरी को एलएनजेपी में एडमिट हुई अब्दुल मलिक की पत्नी अरुणा आसफ अली ने रविवार की शाम को एक प्री-मैच्योर बेबी को जन्म दिया था. जिसे डॉक्टरों ने मृत बता कर उसके परिजनों के हवाले कर दिया था. डॉ. रोहन कृष्णन के अनुसार, बच्ची 23 सप्ताह में ही पैदा हो गई है, और उसका वजन मात्र 490 ग्राम है. वहीं हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक सुरेश कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया है, जिन्हें दो दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
हंगामे और डिब्बे में पैक बच्ची के हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. यूजर हॉस्पिटल और डॉक्टरों की लापरवाही को लेकर लगातार कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं.
विपक्षी पार्टियों ने उठाए सवाल, महिला आयोग खामोश
वहीं, ये मामला अब सियासी रूप भी लेता नजर आ रहा है. बात-बात पर दिल्ली पुलिस या अन्य संस्थाओं को नोटिस जारी करने वाली दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने अब तक इस पर चुप्पी साध रखी है. जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष योगिता सिंह ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी महिला आयोग की अध्यक्ष की चुप्पी उन्हें सवालों के कटघरे में खड़ा करती है.
बीजेपी-कांग्रेस हुए AAP पर हमलावर
दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि इस घटना ने दिल्ली सरकार के सारे खोखले दावों की पोल खोल दी है. उन्होंने कहा कि इससे अमानवीय क्या हो सकता है कि पुलिस की मदद से बच्ची को हॉस्पिटल में एडमिट कराया जा सका. वहीं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अनुज आत्रे ने दिल्ली सरकार और इसके स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए मामले की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि ये एक अमानवीय कृत है, जिसमें जीवित बच्ची को मृत बता कर उसे पैक करने का काम किया गया है.
कांग्रेस ने दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल की बखिया उधेड़ी
आत्रे ने कहा कि अगर इस कारण बच्ची की सांसे रुक जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता. इस मामले पर केजरीवाल सरकार के हेल्थ मॉडल की बखिया उधेड़ते हुए उन्होंने कहा कि यही दिल्ली का बेहतरीन स्वास्थ मॉडल है, जिसके दावे केजरीवाल सरकार करती रहती है? उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि एक समय एलएनजेपी हॉस्पिटल, दिल्ली ही नहीं देश की प्रतिष्ठित हॉस्पिटल हुआ करती थी, लेकिन आज केजरीवाल सरकार की बुरी स्वास्थ्य व्यवस्था के तहत इस हॉस्पिटल की व्यवस्था भी चरमरा गई है और ऐसे में तो लोग इस हॉस्पिटल में इलाज कराने से भी कतराने लगेंगे.
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