दिल्ली में होगा 'अंतर्राष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलन' का आयोजन, शुरू होगा 'हर महीने एक उपवास' महाअभियान
दिल्ली स्थित ऐतिहासिक भारत मंडपम में 12 और 13 दिसंबर को एक भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा है. इस भव्य कार्यक्रम में देश की कई नामचीन हस्तियां शामिल होंगी.

International Public Welfare Conference: देश की राजधानी दिल्ली स्थित ऐतिहासिक भारत मंडपम में 12 और 13 दिसंबर को एक भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा है. योग गुरु बाबा रामदेव महाराज और जैन संत अंतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर महाराज के सानिध्य में दो दिवसीय "अंतर्राष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलन" का आयोजन किया जा रहा है.
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य "लोक कल्याण की सही दृष्टि: उपवास, ध्यान, योग और स्वदेशी विचार" है. इसी मंच से एक विशाल जन-आंदोलन "हर महीने एक उपवास" की शुरुआत भी की जाएगी.
हर महीने की 7 तारीख को उपवास का संकल्प
इस महाअभियान के तहत लोगों को हर महीने की 7 तारीख को उपवास रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा. भारत और दुनिया भर से लाखों लोग पहले ही इस मुहिम से जुड़ चुके हैं. यह पहल न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक शांति और आत्म-कल्याण के लिए भी एक वरदान साबित होगी.
सम्मेलन में शामिल होंगीं कई बड़ी हस्तियां
इस भव्य कार्यक्रम में देश की कई नामचीन हस्तियां शामिल होंगी. कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, भूपेंद्र यादव और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित रहेंगी.
इसके अलावा, दिल्ली के कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह और कपिल मिश्रा, सांसद सुधांशु त्रिवेदी, सांसद योगेंद्र चंदोलिया, प्रसिद्ध लिवर विशेषज्ञ डॉ. एस. के. सरीन, भारतीय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष एन. पी. सिंह और पतंजलि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय भी अपने विचार रखेंगे.
कार्यक्रम में पूज्य बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्री जी अपना डिजिटल संबोधन देंगे. वहीं, पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज, गीता मनीषी महामंडलेश्वर ज्ञानानंद जी महाराज और महंत बालकनाथ योगी जी महाराज की पावन उपस्थिति से माहौल और भी दिव्य हो जाएगा.
योग और तप का अनूठा संगम
जिस तरह स्वामी रामदेव ने योग को "हरिद्वार से हर द्वार" तक पहुंचाकर पूरी दुनिया को स्वस्थ रहने का मार्ग दिखाया है, उसी तरह आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज ने अपनी कठोर तपस्या से एक मिसाल कायम की है. आचार्य ने अब तक 3,500 से ज्यादा उपवास किए हैं और लगातार 557 दिनों का उपवास रखकर 'उपवास साधना शिरोमणि' की उपाधि प्राप्त की है.
अब ये दोनों महान विभूतियां मिलकर मानवता के कल्याण के लिए इस महाअभियान का शंखनाद करने जा रही हैं, ताकि उपवास और योग के माध्यम से जन-जन का कल्याण हो सके.
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