Gurugram: बायो मेडिकल इंजीनियर सस्पेंड और PMO भेजे गए छुट्टी पर, जानें मंत्री अनिल विज ने क्यों उठाया इतना सख्त कदम?
Gurugram Civil Hospital: बिजली गुल होने के बाद हॉस्पिटल में बिगड़े हालात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि अस्पताल के डॉक्टर टॉर्च की सहायता से मरीजों की जांच करते दिखे.

Delhi News: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम के एकमात्र सिविल अस्पताल में पिछले दिनों 15 घंटो से भी ज्यादा समय तक लगातार बिजली गुल रहने के कारण अस्पताल की सारी व्यवस्था चरमरा गई. इस दौरान मरीजों के साथ उनके परिजनों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. मरीज और उनके परिजन ओपीडी वार्ड के बाहर बैठे नजर आए. बिगड़े हालात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि नए मरीजों की लंबी लाईन ओपीडी के बाहर लग गई. अस्पताल के डॉक्टर भी अस्पताल के अंदर टॉर्च की सहायता से मरीजों की जांच करने को मजबूर दिखे. इस दौरान अस्पताल का एक डीजी जेनसेट काम कर रहा था, जिससे अति आवश्यक जगहों पर बिजली उपलब्ध करवा कर महत्वपूर्ण कार्यों का निपटारा किया जा रहा था, लेकिन बाकी पूरे हॉस्पिटल में अंधेरे और गर्मी की वजह से मरीज और उनके तीमारदार परेशान रहे.
बताया जा रहा है कि अस्पताल की अंडरग्राउंड वायरिंग में फॉल्ट आने की वजह से ऐसा हुआ, जिसे डिटेक्ट नहीं किया जा पा रहा था. इससे पहले भी बिजली की समस्या उत्पन्न हो चुकी है, लेकिन लापरवाही का आलम ये नजर आया कि अस्पताल के एक बड़े डीजी जेनसेट के खराब पड़े होने के बावजूद भी उसे समय रहते इस तरह की स्थित से निपटने के लिए ठीक नहीं कराया जा सका. सिविल हॉस्पिटल की डॉक्टर दीपा ने बताया कि फॉल्ट को डिटेक्ट करने के लिए मशीन मंगाई गई है. जल्दी ही इसे ठीक कर लिया जाएगा. जबकि 360 केवीए के खराब पड़े जेनसेट के बारे में उन्होंने कहा कि इसके लिए HMC को लिखा जा चुका है, लेकिन अब तक इसे ठीक करने की पहल नहीं कि गई है.
वहीं, सिविल हॉस्पिटल में दो बार घंटो तक बिजली गुल रहने के मामले में शुक्रवार को हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज एक्शन मोड में नजर आए. विज ने डीजी सेट के प्रभारी बायो मेडिकल इंजीनियर जयदेव को सस्पेंड कर दिया. अस्पताल की PMO डॉ. दीपा को छुट्टी पर भेजने के आदेश दे दिए. गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री शुक्रवार को गुरुग्राम के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस में कोविड की स्थिति व स्वास्थ्य संसाधनों की समीक्षा बैठक को संबोधित करने गुरुग्राम आए थे. इस दौरान डीसी निशांत यादव ने मंत्री को बताया कि सिविल हॉस्पिटल में बिजली आपूर्ति बाधित होने के मामले में एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गई है, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने मामले में लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए.
कोविड तैयारियों की भी ली जानकारी
वहीं, डीसी ने जिले में कोविड की स्थिति से भी मंत्री अनिल विज को अवगत कराया. कोविड से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए जिले में मॉक ड्रिल की जा चुकी है. सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने बताया कि जिला में अब तक 49,000 टेस्ट किए जा चुके हैं. जिले में वर्तमान में 2,700 केस एक्टिव हैं और उनमें 16 व्यक्ति अस्पताल में भर्ती हैं. उन्होंने बताया कि इन केस में 1663 की जीनोम सिक्वेंसिंग करवाई जा चुकी है. अभी तक एक्सवी-6 और ओमीक्रॉन के मामले सामने आए है. जिला में डेल्टा का एक भी केस नहीं है. इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहें. मंत्री अनिल विज ने बताया कि कोविड की बूस्टर डोज के लिए इंडेंट जारी कर दिया गया है. साथ ही सभी आवश्यक स्वास्थ्य संसाधनों की उपलब्धता की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कोविड टेस्ट, एक्टिव केस, जीनोम सिक्वेंसिंग व अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों के बारे में जानकारी ली.
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Source: IOCL






















