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Delhi Water Logging News: इस मानसून दिल्ली की सड़कें नहीं बनेंगी तालाब, केजरीवाल सरकार कर रही है खास इंतजाम
Delhi Water Logging News: मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मानसून से पहले दिल्ली में सभी चिन्हित स्थानों पर जल जमाव को रोकने से संबंधित किए जा रहे काम पूरे हो जाने चाहिए.
Delhi Water Logging News: मानसून (Monsoon) के दौरान दिल्ली (Delhi) में होने वाले जल जमाव को रोकने के लिए केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रही है. इसे लेकर पीडब्ल्यूडी ने दिल्ली के अलग-अलग मुख्य जल जमाव वाले स्थानों को चिन्हित कर ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार कर रही है, जो भारी बारिश के दौरान भी जल जमाव की स्थिति पैदा नही होने देंगे. इसके लिए हाल ही में उपमुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने अधिकारियों के साथ बैठक की की है.
बैठक में मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मानसून से पहले सभी चिन्हित स्थानों पर जल जमाव को रोकने से संबंधित किए जा रहे काम पूरे हो जाने चाहिए, ताकि मानसून के दौरान आम जनता को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े. 15 जून से पीडब्ल्यूडी एक सेंट्रल कंट्रोल रूम भी स्थापित करेगी, जहां से दिल्ली के 10 गंभीर जल जमाव वाले स्थानों की सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से 24 घंटे निगरानी की जाएगी. पीडब्ल्यूडी के तहत 2064 किमी नाला आता है, इसमें से 80 प्रतिशत नालों के डी-सिल्टिंग का कार्य पूरा हो चुका है और 15 जून तक बाकि बचा कार्य भी पूरा हो जाएगा.
जल भराव में पहले स्थान पर है प्रह्लादपुर अंडरपास
इसके साथ ही जल भराव को लेकर जिन जगहों को चिन्हित किया गया है, उसमें पहले स्थान पर दक्षिण दिल्ली स्थित पुल प्रह्लादपुर अंडरपास है. पिछले साल मानसून के दौरान यहां कई बार जल जमाव हुआ था. इस साल दोबारा ऐसी समस्या न हो, इसके लिए पीडब्ल्यूडी यहां 7.5 लाख लीटर क्षमता का एक भूमिगत संप का निर्माण करवा रही है और 600 हॉर्स पावर का एक स्थायी पंप हाउस भी स्थापित किया जा रहा है. भूमिगत संप और पंप हाउस का 80 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. 15 जून तक बाकि निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा.
यहां 7 अस्थाई पंप भी लगाए जा रहे हैं, जिनकी कुल क्षमता 500 हॉर्स पावर होगी. मॉनिटरिंग के लिए 7 सीसीटीवी कैमरा भी लगाए गए हैं, जिसके माध्यम से 24 घंटे कंट्रोल रूम से स्थिति की निगरानी की जाएगी. इसके अलावा अंडर ज़खीरा फ्लाईओवर भी उन जगहों में शामिल है, जहां मानसून के दौरान जल भराव देखने को मिलता है. यहां मानसून के दौरान रेलवे की तरफ से बनाए गए अस्थायी कच्चे नाले से बरसात के मौसम में रेलवे लाइन पर कचरा अंडरपास में गिर जाता है. इसके कारण वाटर पंप जाम हो जाते हैं, जिससे जल जमाव की समस्या होती है.
ज़खीरा फ्लाईओवर के आस-पास ड्रेन के मॉडिफिकेशन का काम हुआ पूरा
इसे लेकर पीडब्ल्यूडी लगातार रेलवे के संपर्क में है. यहां रेलवे लाइन के कचरे को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी स्क्रीन लगा रही है. यह कार्य 10 जून तक पूरा हो जाएगा. वहीं जखीरा अंडरपास के आस-पास के क्षेत्र में ड्रेन के मॉडिफिकेशन का कार्य पूरा हो चुका है. साथ ही नेहरू नगर/आनंद पर्वत से आने वाले स्टॉर्म ड्रेन को री-रूट किया जाएगा और पंप की क्षमता बढ़ाकर 370 हॉर्स पावर किया जा रहा है. तीसरे नंबर पर दिल्ली का आईपी.एस्टेट रिंग रोड, डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के सामने है, जहां पर बारिश के दौरान पानी भर जाता है. रिंग रोड पर जल जमाव की समस्या को खत्म करने के लिए 9 पंप लगाए जा रहे हैं. पीडब्ल्यूडी 1.5 लाख लीटर का संप और पुराने आईपी पॉवर प्लांट से यमुना तक स्टॉर्म वाटर ड्रेन का निर्माण कर रही है, जो जल्द पूरा हो जाएगा.
जल भराव की समस्या जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन रोड पर भी देखने को मिलती है. जल जमाव को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी के एक्शन प्लान में सर्विस रोड के साथ एक नाले का निर्माण, मुकरबा चौक बाउंड से मुख्य सड़क के बीच पुराने एसडब्ल्यू ड्रेन का पुनर्निर्माण, रामगढ़ और महेंद्र पार्क आदि की ओर मुख्य सड़क के साथ एसडब्ल्यू ड्रेन की री-मॉडलिंग के साथ-साथ स्थायी पंप हाउस का निर्माण शामिल है. इन सभी जगहों पर निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. साथ ही यहां पीडब्ल्यूडी की तरफ से डी-सिल्टिंग का काम भी लगभग पूरा किया जा चुका है.
मिंटो ब्रिज पर 12 जून तक स्थापित हो जाएगी ऑटोमेटिक वाटर पंप
मानसून के दौरान मिंटो ब्रिज के नीचे भी पानी भर जाता है. एक साल पहले तक मिंटो ब्रिज के नीचे थोड़ी सी भी बारिश होने पर जल जमाव की स्थिति पैदा हो जाती थी, जिसे दूर करने के लिए केजरीवाल सरकार की तरफ से पिछले साल कई स्थायी कदम उठाये गए हैं और अप्रत्याशित बारिश होने के बावजूद यहां लोगों को जल जमाव का सामना नहीं करना पड़ा. इस साल अपनी तैयारियों को और बेहतर करने के लिए दिल्ली सरकार यहां अल्टरनेटर ड्रेनेज सिस्टम और ऑटोमेटिक वाटर पंप स्थापित कर रही है. यह काम 12 जून तक पूरा हो जाएगा. पीडब्ल्यूडी की ओर से सीसीटीवी मॉनिटरिंग और वाटर लेवल अलार्म सिस्टम भी स्थापित किया जा रहा है.
बारिश के दौरान जल भराव की समस्या लोनी रोड गोलचक्कर पर भी देखने को मिलती है, लेकिन इसे रोकने के लिए अब एक नया पाइपलाइन डाला जा रहा है. मौजूदा इलेक्ट्रिक पंप की कैपेसिटी बढाई जा रही है. कराला कंझावला रोड के 3 स्थानों पर पीडब्ल्यूडी की ओर से ट्रॉली माउंटेड पंप लगाए जा रहे हैं. साथ ही कराला कंझावला रोड को भी रिपेयर किया जा रहा है, जिससे जल जमाव की स्थिति न बन सके.
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रंगनाथ सिंहवरिष्ठ पत्रकार
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