दिल्ली में FRS की मदद से धोखाधड़ी के 10 साल पुराने मामले का खुलासा, 75 लाख का फ्रॉड करने वाले गिरफ्तार
Delhi Crime: आरोपी खाली पड़ी प्रॉपर्टी की पहचान करते थे और फिर उसके फर्जी कागजात बनाकर प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर बैंक से लोन ले लेते थे और अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते थे.

Delhi News: दिल्ली पुलिस की नॉर्थ-वेस्ट जिले की पुलिस ने फेस रिकग्निशन सिस्टम (FRS) की मदद से एक बड़े धोखाधड़ी मामले का खुलासा किया है. पुलिस ने इस मामले में एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जिसने फर्जी प्रॉपर्टी के दस्तावेज बनाकर बैंक से 75 लाख रुपये का लोन लिया था. दिल्ली पुलिस को 2019 में एक महिला हरमिंदर कौर आनंद की ओर से यह शिकायत मिली थी.
उन्होंने पुलिस को बताया था कि उन्होंने 2011 में दिल्ली के राणा प्रताप बाग इलाके में एक प्रॉपर्टी खरीदी थी जो तब से खाली पड़ी थी. 2018 में जब वो प्रॉपर्टी देखने गई तो पड़ोसियों ने बताया कि कुछ अनजान लोग भी उस प्रॉपर्टी पर आते हैं. बाद में उन्हें पता चला कि एयू हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने उनकी प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर 75 लाख रुपये का लोन दिया हुआ है.
इसके बाद जांच के दौरान पुलिस ने पैसों के लेन-देन का पता लगाया. करीब 50 लाख रुपये "महावीर ट्रेडिंग कंपनी" नाम के खाते में गए थे, जिसके मालिक के तौर पर रोशन मंचंदा का नाम सामने आ रहा था. पुलिस को दस्तावेजों में मिला पता और पहचान पत्र फर्जी निकला. इसके बाद पुलिस ने फेस रिकग्निशन सिस्टम की मदद ली और बैंक दस्तावेजों में मौजूद फोटो को सिस्टम में स्कैन किया.
तीन आरोपी गिरफ्तार
वहीं सिस्टम ने 72% मैच के साथ असली पहचान टैगोर गार्डन के "पंकज सचदेवा उर्फ रोशन" के रूप में हुई, जो पहले भी तीन और धोखाधड़ी मामलों में शामिल पाया गया. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान पंकज सचदेवा उर्फ रोशन, सुहैल चौहान और नितिन वर्मा के रूप में हुई है. पुलिस ने बाकी आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है और उनके बैंक खातों की जांच की जा रही है. मामले की आगे की जांच जारी है.
पुलिस के मुताबिक, आरोपी खाली पड़ी प्रॉपर्टी की पहचान करते थे और फिर उसके फर्जी कागजात बनाकर प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर बैंक से लोन ले लेते थे. लोन मिलने के बाद वे रकम को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते थे.
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Source: IOCL





















