Delhi: आईएएस परीक्षा की तैयारी कराने वाले सेंटरों की बढ़ी मुश्किलें, 20 कोचिंग संस्थान CCPA जांच के घेरे में
IAS Coaching Centers News: सीसीपीए की चेयरपर्सन निधि खरे के मुताबिक सफल छात्रों के बारे में जान बूझकर अहम जानकारी छिपाने के लिए 20 कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किए गए हैं.
Delhi News: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority) भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की भर्ती परीक्षा की तैयारी कराने वाले दिल्ली के 20 कोचिंग सेंटर के खिलाफ अनुचित व्यापार व्यवहार की जांच कर रहा है. यह जांच भ्रामक विज्ञापनों तथा परीक्षाओं में सफल या टॉपर्स रहे अभ्यार्थियों की तस्वीरों के अनुचित इस्तेमाल के लिए की जा रही है. सीसीपीए की चेयरपर्सन निधि खरे ने मीडियाकर्मियों को बताया कि 20 में से तीन संस्थानों जैसे राउज आईएएस स्टडी सर्कल, चहल अकादमी और आईक्यूआरए आईएएस पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
सीसीपीए की चेयरपर्सन निधि खरे ने कहा, ‘‘सफल छात्रों के बारे में जानबूझकर अहम जानकारी छिपाने के लिए पिछले डेढ़ साल में कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किए गए हैं. हमने चार केंद्रों पर जुर्माना लगाया है, जबकि अन्य मामलों की जांच चल रही है.’’
इन संस्थानों को नोटिस जारी
उन्होंने कहा कि जुर्माने के आदेश के खिलाफ राउज आईएएस स्टडी सर्किल ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) में अपील दायर कर दी है. वहीं, सीसीपीए से नोटिस पाने वाले कोचिंग संस्थान आईएएस बाबा ने इसके खिलाफ स्थगन ले लिया है. खरे ने कहा कि वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट, चहल अकादमी, खान स्टडी ग्रुप आईएएस, एपीटीआई प्लस, एनालॉग आईएएस, शंकर आईएएस, श्रीराम आईएएस, बायजू आईएएस, अनएकेडमी, नेक्स्ट आईएएस, दृष्टि आईएएस, आईक्यूआरए आईएएस, विजन आईएएस, आईएएस बाबा, योजना आईएएस, प्लूटस आईएएस, एएलएस आईएएस, राउज आईएएस स्टडी सर्कल को नोटिस जारी किया गया है.
कोचिंग सेंटर करते हैं भ्रामक प्रचार
सीसीपीए चेयरपर्सन के मुताबिक संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद कई कोचिंग संस्थान विज्ञापनों की होड़ में लग जाते हैं. हर साल 10 लाख से अधिक छात्रों में से औसतन 900 छात्र यूपीएससी परीक्षा पास करते हैं. साल 2022 में यूपीएससी के अंतिम परिणाम आने के बाद कुल 933 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की गई थी. हालांकि, 20 संस्थानों ने अपने जिन छात्रों के चयन का दावा किया, वह संख्या यूपीएससी की सिफारिशों से उल्लेखनीय रूप से अधिक थी. कई कोचिंग संस्थान जान बूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर अपने छात्र के समान रैंक धारक का दावा करते हैं. सफल उम्मीदवार ने विभिन्न विषयों और प्रारंभिक या मुख्य परीक्षा के लिए कई संस्थानों में कोचिंग ली होती है. खरे ने कहा कि ये संस्थान स्पष्ट रूप से यह नहीं बताते हैं कि वे छात्र संस्थान में किन पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे थे.
इतने करोड़ में है कोचिंग सेंटरों का कारोबार
सीसीपीए के अनुसार भारत में कोचिंग उद्योग का मौजूदा राजस्व लगभग 58,088 करोड़ रुपये है. लगभग दो लाख छात्र सालाना इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा जाते हैं. वहीं दिल्ली को यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग का केंद्र माना जाता है.