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दिल्ली में प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव, अब 13 राजस्व जिले, एक जैसी होंगी सभी सीमाएं

Delhi Administrative: सरकार ने 13 राजस्व जिलों की व्यवस्था लागू की. राजस्व जिलों और नगर निगम जोन की सीमाएं अब एक समान होंगी. एसडीएम की संख्या 33 से बढ़कर 39 हुई. हर जिले में मिनी सचिवालय बनेगा.

दिल्ली सरकार ने राजधानी के प्रशासनिक नक्शे को नए सिरे से गढ़ते हुए 13 राजस्व जिलों की व्यवस्था लागू कर दी है. इससे राजस्व जिलों और नगर निगम जोन की सीमाएं एक समान हो गई हैं, जो अब तक प्रशासनिक कामकाज में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई थीं. सरकार का दावा है कि इस फैसले से शासन अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जनता के करीब होगा.
 
राजस्व जिलों और नगर निगम जोन की अलग-अलग सीमाओं के कारण अधिकारियों और आम नागरिकों दोनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. अब सीमाएं एक जैसी होने से अधिकार क्षेत्र को लेकर भ्रम खत्म होगा और फाइलों के चक्कर भी कम होंगे. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह समस्या दशकों से लंबित थी, जिसे उनकी सरकार ने केवल 10 महीनों में सुलझा दिया.
 
जून में हुई थी घोषणा, दिसंबर में मिली मंजूरी
 
भाजपा सरकार ने जून महीने में 11 नगर निगम जोन की जगह 13 राजस्व जिले बनाने की घोषणा की थी. इसके बाद इस प्रस्ताव पर लगातार काम चलता रहा. 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बैठक बुलाकर इसे अंतिम मंजूरी दी. उपराज्यपाल वी के सक्सेना की सहमति के बाद अब इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.
 
हर जिले में बनेगा मिनी सचिवालय
 
नई व्यवस्था के तहत सरकार हर जिले में मिनी सचिवालय स्थापित करने की योजना पर भी आगे बढ़ रही है. इन मिनी सचिवालयों में एक ही छत के नीचे जनता से जुड़े सभी प्रमुख सरकारी काम होंगे. इसका उद्देश्य नागरिकों को अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर से राहत देना और सेवाओं की डिलीवरी को तेज करना है.
 
बजट और प्रशासनिक सुदृढ़ीकरण
 
नए जिलों के गठन को लागू करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष में शुरुआती तौर पर 25 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है. सरकार का मानना है कि यह निवेश प्रशासनिक सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा और भविष्य में इसका लाभ सीधे जनता तक पहुंचेगा.
 
एसडीएम की संख्या बढ़ी, काम का बंटवारा साफ
 
जिलों की संख्या बढ़ने के साथ ही उपजिलाधिकारियों यानी एसडीएम की संख्या भी 33 से बढ़ाकर 39 कर दी गई है. नई दिल्ली और मध्य जिला में दो-दो एसडीएम होंगे. दक्षिणी, उत्तर पूर्वी और दक्षिण पश्चिमी जिलों में चार-चार एसडीएम तैनात किए जाएंगे. बाकी सभी जिलों में तीन-तीन एसडीएम कार्यभार संभालेंगे. सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र में ही कार्यालय से काम करेंगे.
 
आम जनता को होंगे ये फायदे
 
इस बदलाव से सरकारी सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी. प्रशासन आम नागरिकों के और करीब आएगा. अधिकारियों पर काम का दबाव संतुलित होगा और सीमाओं को लेकर असमंजस खत्म होगा. लोगों को यह स्पष्ट रहेगा कि वे किस प्रशासनिक क्षेत्र में आते हैं, जिससे शिकायतों का निपटारा तेजी से हो सकेगा. राजस्व विभाग, नगर निगम और अन्य एजेंसियों के बीच तालमेल बेहतर होगा. शहरी योजना, आपदा प्रबंधन और भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन भी अधिक प्रभावी बनेगा.
 
13 जिले और उनके एसडीएम कार्यालय
 
◆ दक्षिणी पूर्वी - जंगपुरा, कालकाजी, बदरपुर
◆ पुरानी दिल्ली - सदर बाजार एवं चांदनी चौक
◆ उत्तरी - बुराड़ी, आदर्शनगर, बादली
◆ नई दिल्ली - दिल्ली कैंट एवं नई दिल्ली
◆ मध्य जिला - पटेल नगर एवं करोलबाग
◆ मध्य उत्तरी - शकूर बस्ती, शालीमारबाग एवं मॉडल टाउन
◆ दक्षिणी पश्चिमी - नजफगढ़, मटियाला, द्वारका एवं बिजवासन
◆ बाहरी उत्तरी - मुंडका, नरेला, बवाना
◆ उत्तरी पश्चिमी - किराड़ी, नांगलोई जाट एवं रोहिणी
◆ उत्तरी पूर्वी - करावल नगर, गोकलपुरी, यमुना विहार एवं शाहदरा
◆ पूर्वी जिला - गांधीनगर, विश्वास नगर एवं पटपड़गंज
◆ दक्षिणी - छतरपुर, मालवीय नगर, देवली एवं मेहरौली
◆ पश्चिमी - विकासपुरी, जनकपुरी एवं राजौरी गार्डन
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