Delhi Floods News: इस वजह से दिल्ली पर फिर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, जानें वजह
Yamuna Water Level News: यमुना नदी एक बार फिर उफान मारते हुए खतरे के निशान को पार कर गई है, जिससे दिल्ली में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली के लोग और प्रशासन ने यमुना के बाढ़ से राहत की सांस ली ही थी कि यमुना नदी एक बार फिर उफान मारते हुए खतरे के निशान को पार कर गई है. दिल्ली में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि, बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए इस बार प्रशासन पहले से ही हाई अलर्ट पर है. यमुना के जल स्तर में बढ़ोतरी से उत्पन्न हालात से निपटने के लिए दिल्ली के अधिकारियों की टीमें निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से निकाल कर वापस राहत शिविरों में पहुंचा रही है.
दरअसल, बीते चार दिनों से उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार रविवार शाम 4 बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर 206.31 मीटर पर आ गया. दिल्ली एनसीआर के आसपास के इलाकों में बारिश से हिंडन समेत दूसरी नदियां भी उफान पर हैं. ऐसे में दिल्ली के अलावा, नोएडा और गाजियाबाद की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है. यहां रिहायशी इलाकों में पानी आ गया है. ऐसे में दिल्ली समेत आसपास के इलाकों में फिर से बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है.
अभी तक नहीं खुले ITO बैराज के तीन गेट
बाढ़ के खतरे को देखते हुए राहत-बचाव के लिए प्रशासन भले ही अलर्ट मोड़ पर है, लेकिन बाढ़ के खतरे के बीच प्रशासन की लापरवाही भी देखने को मिल रही है. जिस कारण दिल्ली को साढ़े चार दशक बाद बाढ़ जैसी आपदा को झेलना पड़ा. उसका समाधान अब तक नहीं हो पाया है. यहां पर इस बात का जिक्र कर दें कि बीते दिनों दिल्ली में बाढ़ आने का एक बड़ा कारण था ITO बैराज के गेट का बंद होना. बाढ़ के बाद इसे खोलने की कवायद तो शुरू हुई, लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक पांच में से तक दो गेट खोले जा सके हैं, जबकि तीन गेट अभी भी बंद हैं. इन्हें खोलने के लिए 13 जुलाई से कोशिश हो चल रही है.
यमुना का पानी इसलिए हुई खतरे के निशान के पार
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार भारी बारिश, हथिनीकुंड बैराज से अधिक मात्रा में छोड़े जा रहे पानी और दिल्ली में हो रही हल्की मध्यम बारिश के कारण एक बार फिर यमुना उफान पर है. पुराने रेलवे पुल के पास सुबह दस बजे जलस्तर 206.01 मीटर दर्ज किया गया था. जबकि शनिवार शाम सात बजे तक यमुना का जलस्तर 205.09 मीटर था. ऐसे में 15 घंटे में ही यमुना का जलस्तर तकरीबन एक मीटर बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि हथिनीकुंड बैराज से रविवार सुबह पांच बजे तक हर घंटे करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
तटबंध को मजबूत करने का काम जारी
इस बीच यमुना पर बने लोहे के पुल को एहतियातन बंद कर दिया गया है. इस पर फिलहाल सिर्फ ट्रेनों की आवाजाही हो रही है, जबकि आम लोगों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है. वहीं, बाढ़ के खतरे को देखते हुए आईटीओ बैराज पर तटबंध को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया गया है.
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