दिल्ली में प्रदूषण में गिरावट के बाद GRAP-2 के प्रतिबंध हटे, डीजल जेनरेटर का हो सकेगा इस्तेमाल
GRAP Restrictions: एनसीआर की वायु गुणवत्ता से जुड़े केंद्र के पैनल ने अनुकूल मौसम संबंधी स्थितियों के कारण प्रदूषण स्तर में गिरावट आने के बाद GRAP-2 से संबंधित प्रतिबंधों को हटा दिया.

GRAP 2 Curbs In Delhi: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण स्तर में गिरावट दर्ज की गई है. इसके बाद GRAP-2 की पाबंदियों को हटा दिया गया है. दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की वायु गुणवत्ता से जुड़े केंद्र के पैनल ने अनुकूल मौसम संबंधी स्थितियों के कारण प्रदूषण स्तर में गिरावट आने के बाद सोमवार (24 फरवरी) को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के फेज-2 (GRAP-2) से संबंधित प्रतिबंधों को हटा दिया.
GRAP-2 हटने के बाद क्या बदल जाएगा?
- अंतर्राज्यीय बसों को अब दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति होगी
- डीजल जेनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं होगा
- बढ़ी हुई पार्किंग फीस वापस ली जाएंगी
- निर्माण कार्य उसी स्तर पर किए जा सकेंगे, जो जीआरएपी लागू होने से पहले किए जा रहे थे
दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शाम चार बजे 186 रहा, जो फेज-2 के प्रतिबंधों को लागू करने के लिए जरूरी 300 अंक से काफी नीचे है. इस स्थिति को देखते हुए वायु गुणवत्ता से जुड़े केंद्र के पैनल ने GRAP-2 प्रतिबंधों को हटाने का फैसला लिया.
बेहतर AQI की क्या है वजह?
भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान का अनुमान है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम से खराब श्रेणी में रहेगा. एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने बेहतर वायु गुणवत्ता का श्रेय वेंटिलेशन गुणांक और ‘प्रदूषकों के फैलाव के लिए बहुत अनुकूल स्थितियों’ समेत अन्य कारकों को दिया.
GRAP-2 प्रतिबंध हटने के साथ इन बसों की दिल्ली में एंट्री
GRAP-2 के प्रतिबंध हटने के साथ ही अब एनसीआर राज्यों से अंतरराज्यीय बसों के दिल्ली में एंट्री की अनुमति मिल गई है. सर्दियों के दौरान, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ‘ग्रैप’ के तहत प्रतिबंध लागू होते हैं, जो वायु गुणवत्ता को चार फेज में वर्गीकृत करता है.
GRAP के प्रतिबंध कब होते हैं लागू?
इनमें फेज-1 उस समय लागू किया जाता है जब वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब स्थिति में दर्ज की जाती है. यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक 201-300 के बीच रहने पर GRAP-1 के प्रतिबंध लागू किए जाते हैं. फेज दो (बहुत खराब, वायु गुणवत्ता सूचकांक 301-400), फेज तीन (गंभीर, वायु गुणवत्ता सूचकांक 401-450), और चरण चार (अति गंभीर, वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से ऊपर) शामिल हैं.
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Source: IOCL





















