'इबादत का काम शांति...,' सड़क पर नमाज और मीट की दुकानों पर क्या बोली बीजेपी?
Delhi Politics: दिल्ली में मीट की दुकानों को बंद करने और सड़क पर नमाज पढ़ने के मुद्दे पर संजय सिंह के आरोपों पर BJP ने पलटवार किया है. बीजेपी विधायक अजय महावर ने बयान दिया है.

Ajay Mahawar News: दिल्ली में मीट की दुकानों को बंद करने की मांग और सड़क पर नमाज पढ़ने के मुद्दे को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुंभ में संतों को गले लगाते हैं, लेकिन बीजेपी के नेता मीट की दुकानों को बंद करने और सड़क पर नमाज पढ़ने का विरोध करते हैं.
इस बयान पर बीजेपी विधायक अजय महावर ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी ने किसी विशेष समुदाय को टारगेट नहीं किया है. उन्होंने कहा कि मीट की दुकानें केवल एक समुदाय के लोग ही नहीं, बल्कि हिंदू भी लगाते हैं और हिंदू भी मीट खाते हैं. ऐसे में इसे किसी एक समुदाय से जोड़ना गलत है.
सड़क पर नमाज पढ़ने के मुद्दे पर अजय महावर ने कहा कि इबादत का काम शांति और एकांत में होना चाहिए, जहां शांति और एकांत नहीं होगा, वहां अल्लाह से ध्यान नहीं लग सकता. उन्होंने कहा कि सड़क पर नमाज पढ़ने से आम जनता को असुविधा होती है और इसे सार्वजनिक स्थानों पर करने से बचना चाहिए.
‘पीएम सभी समाज को साथ लेकर चलते हैं’
प्रधानमंत्री मोदी को लेकर संजय सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी विधायक अजय महावर ने कहा कि प्रधानमंत्री सभी समाजों को साथ लेकर चलते हैं. वे भाईचारे और देश की एकता की बात करते हैं. लेकिन आम आदमी पार्टी केवल राजनीति करती है और समाज को बांटने का काम करती है.
‘KFC जैसे ब्रांड पैकिंग में मीट बेचते हैं, खुले में कटाई नहीं होनी चाहिए’
मीट की दुकानों को लेकर अजय महावर ने कहा “अगर कोई KFC जैसी ब्रांडेड दुकानें शीशे के अंदर पैकिंग में मीट बेचती हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर खुले में मीट काटने, पकाने और बेचने पर प्रतिबंध लगना चाहिए.” उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को लेकर अधिकारियों को पत्र भी लिखा है कि मीट का कारोबार बंद कमरों में होना चाहिए, जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत न हों और सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता बनी रहे.
मीट की दुकानों पर राजनीति क्यों?
गौरतलब है कि कई राज्यों में नवरात्रि और अन्य धार्मिक अवसरों पर मीट की दुकानों को अस्थायी रूप से बंद करने की मांग उठती रहती है. कुछ स्थानों पर नगर निगम और स्थानीय प्रशासन द्वारा ऐसे आदेश भी जारी किए जाते हैं. वहीं, सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर भी कई बार विवाद खड़ा हुआ है. BJP और AAP के बीच इस बयानबाजी से साफ है कि मीट की दुकानों और सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक गतिविधियों का मुद्दा आने वाले दिनों में और गरमा सकता है.
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