Agnipath Scheme: अग्निपथ के विरोध में जमीन पर बैठकर फूट-फूटकर रोने लगीं अलका लांबा, जानें- पूरा मामला
Delhi: अलका लांबा ने कहा कि देश के करोड़ों युवाओं की आज कोई नहीं सुन रहा. उन्होंने कहा कि इस सरकार को इलाज की जरुरत है.
Delhi News: नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ और अग्निपथ योजना के विरोध में कांग्रेस के प्रदर्शन के बीच अलका लांबा का हाई वोल्टेज ड्रामा सामने आया है. कांग्रेस नेता अलका लांबा ने अग्निपथ योजना के विरोध में महिला कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर बैठकर नारेबाजी की और जब पुलिस ने उन्हें जबरन वहां से उठाने की कोशिश की तो वह फूट फूटकर रोने लगीं और पुलिसकर्मियों से उलझती नजर आईं. अलका ने पुलिसवालों से कहा कि मैं गांधी के देश में आराम से बैठी हूं और मेरे हाथ में एके 47 नहीं है. जब पुलिस ने उन्हें उठाने की कोशिश की तो वह जमीन पर लेट गईं.
पुलिस पर लगाया ये आरोप
अलका लांबा ने कहा, ''मेरे हाथ बंधे हुए हैं, भारत माता की जय, जय जवान, जय किसान, नहीं करने दे रहे हैं, यह कौन से संविधान में लिखा है.'' जब एक महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें उठाने की कोशिश की तो उन्होंने मीडिया से कहा कि ये देखिए इसने मेरी गर्दन तोड़ने की कोशिश की. अब यदि मैं इस पुलिसकर्मी के हाथ को पीछे करूंगी तो कहा जाएगा कि अलका लांबा ने वर्दी पर हाथ डाला.' कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा- हम लोग निहत्थे हैं. हम यहां सड़क पर बैठना चाहते हैं, यह हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है. हमें हमारे अधिकार से वंचित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं अपने लिए नहीं रो रही हूं. देश की दो हालत है उसको लेकर देश रो रहा है.
इस सरकार को इलाज की जरूरत- अलका लांबा
अलका ने आगे कहा कि मेरी चोटें कल ठीक हो जाएंगी, लेकिन जो चोट देश के संविधान और लोकतंत्र को पड़ी है उसका क्या? उन्होंने कहा कि सेना का जवान देश के लिए गोली खा रहा है. इस सरकार को इलाज की जरूरत है. लोकतांत्रिक देश में सभी को अपनी आवाज उठाने का हक है. लांबा ने कहा कि आज देश के करोड़ों युवा सड़क पर हैं और वो आत्महत्या कर रहे हैं,लेकिन कोई उनकी आवाज नहीं सुन रहा है. उनके मां-बाप ने सोचा था कि बेटा सरहद पर जाएगा, देश के लिए शहीद होगा, तिरंगे में लिपटकर आएगा. वो मां रो रही है कि मेरे बेटे ने दम तोड़ दिया है.
मेरा पूरा शरीर नीला पड़ गया है- अलका लांबा
अलका ने कहा कि हम लोग सत्याग्रह के तहत मार्च करते हुए जंतर-मंतर तक जाएंगे. उन्होंने कहा कि पुलिस ने हमें 24 अकबर रोड के बाहर रोक दिया. हम रुक गए. हम जमीन पर बैठकर सत्याग्रह कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें बुरी तरह पीटा. मैं बता नहीं सकती की महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार किया गया. अलका ने कहा कि मेरा पूरा शरीर नीला पड़ चुका है. डीसीपी ने मुझे अस्पताल चलने के लिए कहा, लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया.
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