'मैं दलित हूं', CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर का बयान
Advocate Rakesh Kishore Caste: सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर ने कहा कि 'किशोर' जो सर नेम है, उसे आप गूगल पर चेक कर सकते हैं.

चीफ जस्टिस बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर ने खुद को दलित बताया है. जाति को लेकर चर्चा के बीच इससे संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं इस समय आपको सर्टिफिकेट तो नहीं दिखा सकता. मैं ये भी नहीं कह सकता कि आप जो पूछना चाहते हैं, वो मुझे बताना जरूरी है. लेकिन मैं दलित हूं, बस इतना ही आप समझ लें, इतना काफी है.
वकील ने आगे कहा, ''अगर आप गूगल में जाकर देखेंगे तो डॉ. राकेश किशोर मैं लिखता हूं. मेरे हाईस्कूल से लेकर हर सर्टिफिकेट में यही लिखा हुआ है. किशोर जो सर नेम है, उसे आप गूगल पर चेक कर सकते हैं. मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता हूं.''
Delhi: Advocate Rakesh Kishore, accused of attacking CJI B.R. Gavai, says, "I cannot show you the certificate at this moment. But I am Dalit..." pic.twitter.com/3RrE2xbYXO
— IANS (@ians_india) October 8, 2025
राकेश किशोर ने CJI पर की थी जूता उछालने की कोशिश
सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश किशोर ने सोमवार (06 अक्टूबर) को एक मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई बीआर गवई पर जूता उछालने की कोशिश की थी. वकील पर सीजेआई के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा. आरोपी वकील ने कोर्ट में नारेबाजी भी की थी, जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया था. उस दौरान पुलिस तुरंत उसे कोर्ट रूम से बाहर लेकर गई थी.
CJI पर हमले के खिलाफ वकीलों ने किया प्रदर्शन
चीफ जस्टिस बीआर गवई पर हमले की कोशिश के खिलाफ मंगलवार (07 अक्टूबर) को दिल्ली से लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान वकीलों ने कहा कि यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि भारत की न्याय व्यवस्था की नींव को हिलाने की साजिश है. यह संविधान के खिलाफ सीधा हमला है.
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने की निंदा
इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने इस घटना की तीखी आलोचना की थी. एसोसिएशन ने कहा था, ''एक वकील के कृत्य पर हम सर्वसम्मति से पीड़ा व्यक्त करते हैं, जिसने अपने अनुचित और असंयमित व्यवहार से देश के चीफ जस्टिस और उनके साथी न्यायाधीशों के पद और अधिकार का अनादर करने का प्रयास किया.''
Source: IOCL






















