एक्सप्लोरर

असम: बाल विवाह के खिलाफ अभियान से बढ़ा विवाद, जानें इसे क्यों कहा जा रहा मुस्लिम विरोधी एक्शन

केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार साल 2018-20 में असम में मातृ मृत्यु दर सबसे ज्यादा रही और एक लाख शिशुओं को जन्म देने के दौरान 195 प्रसूताओं की मौत भी हुई.

असम में बीते रविवार खबर आई कि एक महिला ने अपने पिता की गिरफ्तारी के डर से आत्महत्या कर ली है. इसके अलावा एक और महिला ने धमकी दी कि बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में उसके परिवार वालों को गिरफ्तार किया गया तो वह खुदकुशी कर लेगी. 

दरअसल असम में बाल विवाह को लेकर इस वक्त हंगामा छिड़ा हुआ है. एक तरफ जहां राज्य सरकार बाल विवाह करने और करवाने वाले दोनों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है तो वहीं राज्य में कई महिलाएं अपने-अपने घर के पुरुषों की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं.

बाल विवाह के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत राज्य में अब तक 4074 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं. इन 4074 मामलों में से 2441 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. 

पुलिस की कार्रवाई ने राज्य में हंगामा खड़ा कर दिया है. एक तरफ जहां यहां की महिलाएं इस कार्रवाई का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आई हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां भी राज्य सरकार पर जमकर निशाना साध रही हैं. आरोप ये लगाया जा रहा है कि सरकार की ये सारी कार्रवाई उन्हीं इलाकों में हो रही है जहां मुस्लिमों की आबादी ज्यादा है. 

इस पूरे मामले और गिरफ्तारियों के बीच समझते हैं कि इसके कार्रवाई का विरोध क्यों हो रहा है? असम में इसकी जरूरत क्यों पड़ी और लिए जा रहे एक्शन को मुस्लिम विरोधी कार्रवाई क्यों बताया जा रहा है?

क्या है मामला 

असम कैबिनेट ने हाल ही में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. जिसके अनुसार राज्य में पॉक्सो एक्ट के तहत 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों के खिलाफ एक्शन लेने का फैसला लिया गया है. इस फैसले के बाद 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुष पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है और गिरफ्तारी भी हुई हैं. शादी करने वाले इन पुरुषों पर साल 2006 के बाल विवाह निषेध कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.

इसके अलावा राज्य में बाल विवाह को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने हर ग्रामीण पंचायत में एक अधिकारी को भी नियुक्त किया है. अगर उस अधिकारी के सामने कोई बाल विवाह होता है या बाल विवाह का मामला सामने आता है तो ये अधिकारी पुलिस के सामने केस दर्ज करवाएंगे. 

क्या है हमारे देश में शादी की कानूनी उम्र, कितनी हो सकती है सजा

हमारे देश में लड़के के लिए 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल शादी करने की कानूनी उम्र है. अगर कोई भी लड़की या लड़का इससे कम उम्र में शादी करता है तो उसे बाल विवाह माना जाता है. आजादी से पहले हमारे देश में बाल विवाह को लेकर कानून बनाया गया था तब शादी के लिए लड़कों की कानूनी उम्र 18 साल और लड़कियों के लिए 14 साल थी.

साल 1978 में इसमें संशोधन किया गया और शादी की उम्र को बढ़ाकर लड़कों के लिए 21 साल और लड़कियों के लिए 18 कर दिया गया. 

साल 2006 में इस कानून में दूसरी बार संशोधन किया गया और इसे गैर-जमानती अपराध बनाया गया. बाल विवाह कानून के कानूनी उम्र से कम में शादी करने वाले को दो साल तक की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है. इसके तहत अगर शादी हो भी जाती है तो कोर्ट उसे 'शून्य' घोषित कर सकता है. 

इसके अलावा साल 2012 में बच्चों पर हो रहे यौन अपराध पर रोक लगाने के लिए प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट (पॉक्सो एक्ट) लाया गया. ये कानून 18 साल से कम उम्र के लड़के और लड़कियों, दोनों पर लागू होता है. 

इस कानून में भी साल 2019 में संशोधन किया गया और ऐसे अपराध करने वाले को मौत की सजा का प्रावधान जोड़ा गया. पॉक्सो एक्ट के तहत 7 साल की जेल से लेकर उम्रकैद तक सजा हो सकती है. 

क्यों बताया जा रहा है मुस्लिम विरोधी कार्रवाई 

असम में चल रहे अभियान पर सियासत भी शुरू हो गई है. हैदराबाद से सांसद और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का आरोप है कि असम की बीजेपी सरकार इस कार्रवाई की नाम पर राज्य की मुस्लिमों को टारगेट कर रही है तो वहीं ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट  (एआईयूडीएफ) के मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. उनकी पार्टी के विधायक अमीनुल इस्लाम ने इस कार्रवाई को बजट की खामियों से बचने और अडानी के मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है.

हालांकि सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने इस कार्रवाई को पूरी तरह से निष्पक्ष और सेक्युलर बताया है. उन्होंने कहा कि इससे किसी खास समुदाय को टारगेट नहीं किया जा रहा है. 

इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि बाल विवाह के मामले सबसे ज्यादा मामले मुस्लिम बहुल जिलों में ही आते हैं. इस अभियान के तहत धुबरी जिले में गिरफ्तारी हुई है जहां 80 फीसदी आबादी मुस्लिम है. इसके अलावा NFHS-5 के आंकड़े बताते हैं कि इस इलाके में 20 से 24 साल की उम्र की लगभग 51 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जिनकी शादी 18  साल की उम्र पार करने से पहले करा दी गई थी. 

इसके अलावा साउथ सलमारा भी असम का एक मुस्लिम बहुल जिला है जो बाल विवाह के मामले में दूसरे स्थान पर रहा. यहां 44.7 फीसदी लड़कियों की शादी 18 से पहले ही हो गई थी. 

असम में क्यों पड़ रही इस कार्रवाई की जरूरत 

सितंबर 2018 में समाज कल्याण विभाग के आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक असम की हर तीसरी शादी बाल विवाह है. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि निचले असम के कम से कम सात प्रमुख जिलों में बाल विवाह का सामान्य विवाह से अनुपात 2:1 है. जिसका मतलब है कि इन जिलों में हर दूसरी शादी बाल विवाह है.

इसके अलावा पिछले एक दशक में पूरे राज्य में बाल विवाहों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. डॉक्टरों का मानना है कि बाल विवाह के कारण जन्म लेने वाले बच्चे कुपोषित होते हैं और एक तिहाई असमिया नवजात बच्चों का विकास ही रुक हो जाता है, उम्र बढ़ने के साथ भी उनका उचित विकास नहीं हो पाता है. 

केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार साल 2018-20 में असम में मातृ मृत्यु दर सबसे ज्यादा रही और एक लाख शिशुओं को जन्म देने के दौरान 195 प्रसूताओं की मौत भी हुई. नवजातों के मौत के मामले में असम देश में तीसरे स्थान पर है. असम सरकार का कहना है कि राज्य में बाल विवाह के कारण ही मातृ और शिशु मृत्यु दर बढ़ रही है.

हाल ही में जारी किए गए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की एक रिपोर्ट के अनुसार असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर बहुत ज्यादा है. इसके लिए भी बाल विवाह को ही जिम्मेदार ठहराया गया.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

PM Modi In Kashmir: 10 दिनों में आतंकियों ने घाटी में मचाया बवाल तो PM मोदी बोले- 'आखिरी कोशिश कर रहे हैं, दुश्मनों को ठिकाने...'
10 दिनों में आतंकियों ने घाटी में मचाया बवाल तो PM मोदी बोले- 'आखिरी कोशिश कर रहे हैं, दुश्मनों को ठिकाने...'
Guess Who: जहां पिता करते थे टेबल साफ...स्टार बनने के बाद बेटे ने खरीद डाली तीनों बिल्डिंग, पहचाना?
जहां पिता करते थे टेबल साफ,स्टार बनने के बाद बेटे ने खरीद डाली तीनों बिल्डिंग
90's की 'सोन परी' याद हैं? बच्चों क्या बड़ों में भी था इनका क्रेज, जानें आज कहां हैं और क्या कर रही?
90's की 'सोन परी' याद हैं? जानें आज कहां हैं और क्या कर रहीं?
CM अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद पूरी होगी ये प्रक्रिया, तब जेल से आएंगे बाहर
CM अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद पूरी होगी ये प्रक्रिया, तब जेल से आएंगे बाहर
Advertisement
metaverse

वीडियोज

Arvind Kejriwal News: केजरीवाल के वकील ने कोर्ट में ऐसा क्या कहा जो जज ने दी जमानत ? | BreakingNEET Exam Row: आरोपियों का कबूलनामा, देशभर में छात्रों का प्रदर्शन | Dharmendra Pradhan | BreakingSandeep Chaudhary: MSP बढ़ने के फैसले को किसानों ने किया खारिज, आंदोलन जारी रखने का किया ऐलानNEET-NET Paper Leak: नीट के तार..तेजस्वी पर सीधा वार..विजय सिन्हा का बड़ा दावा

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
PM Modi In Kashmir: 10 दिनों में आतंकियों ने घाटी में मचाया बवाल तो PM मोदी बोले- 'आखिरी कोशिश कर रहे हैं, दुश्मनों को ठिकाने...'
10 दिनों में आतंकियों ने घाटी में मचाया बवाल तो PM मोदी बोले- 'आखिरी कोशिश कर रहे हैं, दुश्मनों को ठिकाने...'
Guess Who: जहां पिता करते थे टेबल साफ...स्टार बनने के बाद बेटे ने खरीद डाली तीनों बिल्डिंग, पहचाना?
जहां पिता करते थे टेबल साफ,स्टार बनने के बाद बेटे ने खरीद डाली तीनों बिल्डिंग
90's की 'सोन परी' याद हैं? बच्चों क्या बड़ों में भी था इनका क्रेज, जानें आज कहां हैं और क्या कर रही?
90's की 'सोन परी' याद हैं? जानें आज कहां हैं और क्या कर रहीं?
CM अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद पूरी होगी ये प्रक्रिया, तब जेल से आएंगे बाहर
CM अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद पूरी होगी ये प्रक्रिया, तब जेल से आएंगे बाहर
Vastu Tips: घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में भूलकर भी न करवाएं ये काम, रुक जाएगी बरकत
घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में भूलकर भी न करवाएं ये काम, रुक जाएगी बरकत
Virat Kohli: 'सेल्फिश हैं विराट कोहली...', शतक के लिए टीम भी लगा देंगे दांव पर; पाकिस्तान के मोहम्मद हफीज़ का विवादित बयान
'सेल्फिश हैं विराट कोहली...', शतक के लिए टीम भी लगा देंगे दांव पर
महज 2 करोड़ में बनी इस फिल्म ने की थी 8 गुना ज्यादा कमाई, कई बड़े स्टार्स के बाद भी एक 'बंदर' ने लूटी थी लाइमलाइट, जानें मूवी का नाम
महज 2 करोड़ में बनी इस फिल्म ने की थी 8 गुना ज्यादा कमाई, लीड रोल में था एक 'बंदर'!
दुनिया के कितने देश मनाते हैं योग दिवस, पूरे विश्व में इसकी कितनी मान्यता?
दुनिया के कितने देश मनाते हैं योग दिवस, पूरे विश्व में इसकी कितनी मान्यता?
Embed widget