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Vikas dubey Encounter एक और खुलासा, शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने डीजीपी मुख्यालय को लिखे थे 8 शिकायती पत्र
विकास दुबे और चौबेपुर के थानेदार की मिलभगत को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीओ देवेंद्र मिश्रा ने विकास दुबे और विनय तिवारी के खिलाफ पुलिस मुख्यालय को आठ शिकायती पत्र लिखे थे. लखनऊ से जांच टीम भी आई थी लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला
![Vikas dubey Encounter एक और खुलासा, शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने डीजीपी मुख्यालय को लिखे थे 8 शिकायती पत्र CO Devendra Mishra written a eight letter to DGP headquarter in vikas dubey case Vikas dubey Encounter एक और खुलासा, शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने डीजीपी मुख्यालय को लिखे थे 8 शिकायती पत्र](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/07/07190731/jpg.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
लखनऊ. दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे का अंत हो गया है लेकिन वह इतना बड़ा अपराधी कैसे बना और वो वारदात को अंजाम देकर बेखौफ कैसे घूमता रहा. विकास दुबे का साथ देने वाले चौबेपुर थाने का प्रभारी विनय तिवारी गिरफ्तार तो हो गया है लेकिन अब इससे जुड़ा एक और खुलासा सामने आया है. बिकरू गांव में पुलिसवालों पर हुये हमले में शहीद होने वाले सीओ देवेंद्र मिश्रा ने डीजीपी मुख्यालय तक शिकायत की थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मिश्रा ने विकास दुबे और थानेदार विनय तिवारी के खिलाफ आठ शिकायती पत्र भेजे थे.
जांच टीम लखनऊ से आई लेकिन सीओ का बयान नहीं लिया
यही नहीं डीजीपी मुख्यालय से जांच करने टीम कानपुर भी आई थी. जानकारी ये भी मिली है कि जांच टीम बिना सीओ का बयान लिये वापस लौट आई थी. आपको बता दें कि 28 जून को लखनऊ से टीम आई थी. सूत्रों के मुताबिक अब इस मामले में एक और बड़ा तथ्य सामने आया है. उसके मुताबिक सीओ ने विकास और विनय की मिलीभगत की शिकायत का पत्र सिर्फ तत्कालीन एसएसपी अनंत देव को ही नहीं, बल्कि आठ खत और भी लिखे थे.
कुछ शिकायतें पुलिस मुख्यालय तक पहुंची थीं. इसकी जांच के लिए 28 जून को पुलिस मुख्यालय से एक टीम भी आई थी, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. जांच टीम सीओ से मिली जरूर पर कोई जानकारी नहीं ली. टीम ने तीन घंटे पूर्व एसओ विनय तिवारी के साथ बातचीत की और लौट गई. उस जांच रिपोर्ट का भी कुछ पता नहीं चल सका है.
सवालों के घेरे में मुख्यालय की जांच टीम
फिलहाल इस नये खुलासे से डीजीपी मुख्यालय की जांच टीम भी सवालों के घेरे में आई गई है. अब सवाल ये भी उठ रहा है कि लखनऊ से कौन सी जांच टीम कानपुर आई थी, जिसने शिकायतकर्ता का बयान ही नहीं लिया. ये सभी सवाल इस ओर इशारा कर रहे हैं कि विकास दुबे और विनय तिवारी की पहुंच काफी ऊपर तक थी.
(रिपोर्टर संतोष कुमार के इनपुट से)
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