Ram Mandir Inauguration: 'डकैतों ने नदी पार करने का इंतजाम कराया', बस्तर के कारसेवक ने सुनाई दिलचस्प कहानी
Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई. जिसको लेकर बस्तर के रहने वाले कारसेवक सुशील दास ने पहली प्रतिक्रिया दी है. वह जल्द ही रामलला के दर्शन करने जाएंगे.
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में रहने वाले सुशील दास उन कारसेवकों में से एक हैं, जो 1992 में बस्तर से अयोध्या पहुंचे थे. सुशील दास अयोध्या में भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने से बेहद खुश हैं. 64 साल के सुशील जब 1992 में अयोध्या के लिए निकले थे तब उनकी उम्र 32 वर्ष थी. सुशील बताते हैं कि बस्तर से 3 गाड़ियों में बैठकर रामसेवक अयोध्या निकले थे. मध्य प्रदेश के रीवा के रास्ते अयोध्या जाते कार सेवकों को पुलिस ने उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर ही रोक दिया. इसके बाद सुशील अपने साथियों के साथ पैदल ही 350 किलोमीटर के सफर में निकल गए.
सुशील दास ने बताया कि जब बस्तर से 55 कारसेवकों का दल अयोध्या पहुंचा तो यहां महिला और पुरुषों ने कारसेवकों की बहुत मदद की. उन्होंने दल को फावड़ा, गैती और कुदाल दिया. जैसे ही उन्हें कुदाल मिली उसको लेकर उनके साथियों ने एक दूसरे के कंधे पर खड़े होकर रास्ता बनाया.
बस्तर जिले के ग्राउंड में रहने वाले कारसेवक सुशील दास ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि आज से 32 साल पहले बस्तर से रामसेवकों का दल अयोध्या के लिए निकला हुआ था. इस दौरान एक दिलचस्प किस्सा बताते हुए सुशील दास ने कहा कि बीच रास्ते में एक बड़ी नदी पार करनी थी. शाम हो चुकी थी, तो वहां मौजूद कुछ भगवा कपड़ा धारियों ने उन्हें पनाह दी. साथ ही सुबह कारसेवकों के नदी पार करवाने के लिए नाव का भी इंतजाम करवा दिया. बाद में नदी पार करते वक्त नाविक ने उन्हें बताया कि उन्हें रात में आश्रय देने वाले इस इलाके के बड़े डकैत हैं. डकैतों ने नाविक को निर्देश भी दिया था कि कारसेवकों से नदी पार करवाने के बदले पैसे नहीं लेना. अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने से वे बेहद खुश हैं. सुशील दास ने कहा वे अपने परिवार के साथ जल्द ही अयोध्या रामलला के दर्शन करने जाएंगे.
32 साल बाद बस्तर के कारसेवकों का सपना हुआ पूरा
इधर सोमवार 22 जनवरी को रामलला मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर सुशील दास के परिवार ने गरावंड में महाप्रसाद वितरण का आयोजन करवाया. साथ ही सुंदरकांड का पाठ भी कराया. सुशील दास ने कहा कि बस्तर संभाग के सातों जिलों से कुल 55 कारसेवकों का दल अयोध्या के लिए हुआ था. इनमें से कई साथियों से आज भी बात होती है, जो उम्मीद उन्होंने लगाई थी वह आज 32 साल बाद पूरा हो गया है. अयोध्या में राम दरबार के बनने से बस्तर के सभी कारसेवकों में बेहद खुशी का माहौल है.
ये भी पढ़ें: Chhattisgarh: सरगुजा जिले में वन विभाग की नर्सरी में बन रही थी अवैध शराब, पुलिस ने किया भंडाफोड़
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets