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Watch: कांकेर शहर में भालुओं के दिन दहाड़े मूवमेंट से आम लोगों में अफरा-तफरी, इलाके में दहशत

Wild Bear in Kanker City: कांकेर में जंगली भालुओं के सरंक्षण के लिए सरकार ने जामवंत प्रोजेक्ट शुरू किया था. 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पहला यह भूभाग के रखरखाव के अभाव में बदहाली के आंसू बहा रहा है.

Kanker News Today: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में एक भालू शहर के मुख्य मार्ग पर दिन- दहाड़े डिवाइडर पार करता नजर आया. भालू के बीच सड़क के डिवाइडर को पार करते राहगीरों ने वीडियो बना ली. जिसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

दरअसल, छत्तीसगढ़ का कांकेर शहर पहाड़ी और घने जंगल से घिरा हुआ है. इसकी वजह से कभी तेंदुआ तो कभी भालू भोजन की तलाश में शहरी इलाकों में घुस आते हैं. वहीं पिछले कुछ दिनों से लगातार भालू को शहरी इलाकों में देखा जा रहा है. हालांकि इन भालुओं ने कभी किसी तरह की शहरी इलाके में जनहानि नहीं पहुंचाई है.

शहर में भालुओं के मूवमेंट से दहशत
भालुओं के इस तरह से लगातार शहरी इलाकों में देखे जाने से लोगों में डर और दहशत का माहौल है. शनिवार को भी जगदलपुर- कांकेर नेशनल हाईवे- 30 पर शहर के बीच सड़क में दिनदहाड़े भालू डिवाइडर पार करता नजर आया. भालू को देख तुरंत सभी ने अपने-अपनी गाड़ी रोक ली. 

हालांकि भालू सीधे सड़क के डिवाइडर को पार कर आगे बढ़ गया. शहर में भालू के मूवमेंट की खबर वन विभाग को दी गई है. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम भालू को ढूंढ़ने के लिए शहर के अलग-अलग इलाकों में पहुंची, लेकिन तब तक भालू जंगल की ओर निकल गया था. 

शादी समारोह में भालुओं को देख मचा हड़कंप
कांकेर शहर में भालूओं का दिखना यह पहली बार नहीं है. इससे पहले भी शहर के रिहायशी इलाकों और गली- मोहल्ले में भालुओं को देखा गया है. सबसे सकारात्मक पहलू ये है कि अभी तक भालुओं ने शहरी इलाकों में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन भोजन की तलाश और गर्मी के मौसम में प्यास बुझाने के लिए लगातार शहरी इलाकों में भालू को देखा जा रहा है.

कुछ महीने पहले ही एक शादी समारोह में भी मादा भालू अपने दो शावकों के साथ आ पहुंची थी. इसके बाद समारोह में अफरा- तफरी मच गई. यहां भी मादा भालू और शावकों ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और खाना मिलने के बाद वहां से निकल गए, लेकिन कांकेर शहर वासियों को इन भालुओं से अनहोनी को लेकर डर बना हुआ है.

वन विभाग की जामवंत परियोजना बदहाल 
गौरतलब है कि कांकेर वन परिक्षेत्र में बस्तर संभाग में सबसे ज्यादा भालू और तेंदुए के अलावा बंदरों की संख्या है. भालुओं के लिए वन विभाग ने जामवंत परियोजना शुरू की थी. इस योजना के तहत करीब 30 हजार हेक्टेयर जमीन भालूओं के रहवास के लिए संरक्षित किया गया है. 

यहां भालुओं के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था के साथ फलदार पौधों के लिए विभाग द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन रख रखाव के अभाव में जामवंत पार्क पूरी तरह से बदहाल हो चुका है. यही वजह है कि अब भालू भोजन और पानी की तलाश में शहरी इलाकों की ओर बढ़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: कोंडागांव में ACB के हत्थे चढ़ा जल संसाधन विभाग का रिश्वतखोर कार्यपालन अभियंता, ठेकेदार से मांगे थे 7 लाख

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