Chhattisgarh: खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के इलाके में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर, बिजली भी नहीं
Surguja: गांव में आज तक सड़क नहीं है. पीने के स्वच्छ पानी के लिए कोई हैंडपंप नहीं है. लोग कच्चे कुंए और नाले का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. रात को जंगली जानवरों से बचने के लिए बिजली नहीं है.

Surguja News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) से सरकार में तीन केबिनेट मंत्री हैं. उसके बावजूद आज भी सरगुजा के कई गांव बुनियादी समस्या से जूझ रहे हैं. यहां आज भी लोग अशुद्ध पानी पीने को मजबूर हैं. मौजूदा मामला प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत (Amarjeet Bhagat) के विधानसभा का है. यहां के लोग आज तक सड़क, शुद्ध पानी और बिजली नहीं देख पाए हैं.
कई बार शिकायत के बाद अब इन लोगों ने एक बार फिर जिले के कलेक्टर से अपनी आपबीती बताई है. इसके बाद कलेक्टर ने गांव वालों से कुछ दिन का समय मांगा है. छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट के कई गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. इनमें से एक परपटिया पंचायत का आश्रित गांव है. वैसे तो राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने इसमें अब तक करोड़ों रूपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन लगता है इस गांव में किसी की निगाह तक नहीं पड़ी.
गांव में आज तक सड़क नहीं
गांव में आज तक सड़क नहीं है. पीने के स्वच्छ पानी के लिए कोई हैंडपंप नहीं है. लोग कच्चे कुंए और नाले का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. रात को जंगली जानवरों से बचने के लिए बिजली नहीं है. कलेक्टर के पास शिकायत करने पहुंची 60 साल की जगमनिया ने बताया कि जब से इस गांव में बसे हैं, तब से यहां सड़क बिजली नहीं है. यही नहीं पीने के पानी के लिए काफी दूर जाकर नदी से पानी लाना पड़ता है. इनके साथ ही परपटिया के ही रहने वाले भागीरथी बताते हैं कि गांव में सड़क पानी बिजली कुछ नहीं है. बिजली लगी थी. पर नकली सामान लगा होने के कारण कुछ दिन में खराब हो गई. तब से अंधेरे में हैं.
लोग नाले का पीते हैं पानी
भागीरथी ये भी बताते हैं कि नाले का पानी पीने की वजह से गांव के लोग बीमार पड़ जाते हैं. गांव मे सड़क नहीं होने से एम्बुलेंस भी यहां नहीं पहुंच पाती. इस कारण मरीज को आठ किलोमीटर मेन रोड तक पैदल लेकर जाना पड़ता है. गांव के ही एक युवा भरोस बताते हैं कि वो गांव की बिजली बनाते हैं, फिर फॉल्ट होने से तार गिर जाती है. उसकी चपेट में आने से मवेशियों की मौत हो जाती है. इसके बाद बिजली कई दिनों तक नहीं आती है. भरोस ने आगे बताया कि गांव में एक भी हैंडपंप नहीं है. इसके चलते हमें नाले का पानी पीना पड़ता है.
10 दिन में लगेगा कैंप
सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार को ये शिकायत मिलने के बाद उन्होंने कहा कि 10 दिन के भीतर गांव में सभी विभाग के अधिकारियों के साथ एक कैंप किया जाएगा. इस कैंप में ग्रामीणों की सभी समस्याए सुनी जाएंगी. समस्याएं सुनने के बाद सभी समस्या का समाधान बारिश के पहले कर लिया जाएगा. क्योंकि बारिश के दिनों में गांव में जाना संभव नहीं है.
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Source: IOCL























