ना रोड शो, ना प्रचार में... एक साथ क्यों नहीं दिखे PM मोदी और नीतीश कुमार? BJP नेता ने बताया
Bihar Election 2025: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हमने तय किया था कि सब अलग-अलग चुनाव प्रचार करेंगे. इसके पीछे उन्होंने छठ और बारिश के चलते समय को लेकर हुई दिक्कत को कारण बताया है.

बिहार विधानसभा चुनाव (2025) का दूसरा चरण मंगलवार (11 नवंबर, 2025) को होना है. बीते रविवार को प्रचार-प्रसार समाप्त हो गया. इस बीच जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा है और कई बार विपक्ष सवाल भी उठा चुका है कि क्यों नीतीश कुमार और पीएम मोदी एक साथ नहीं दिखे? विपक्ष का तो यहां तक दावा है कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार को बीजेपी मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी. इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री और बिहार चुनाव के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने सब कुछ साफ-साफ बताया है.
धर्मेंद्र प्रधान एएनआई से बातचीत कर रहे थे. पीएम मोदी और नीतीश कुमार को लेकर उनसे पूछा गया कि ये दो चेहरे, एक रैली में, एक सभा में, एक रोड शो में क्यों साथ नहीं दिखे? इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जब चुनाव की घोषणा नहीं हुई थी प्रधानमंत्री लगभग सात-आठ बड़े-बड़े सरकारी कार्यक्रम में बिहार आए थे. 24 अक्टूबर को हमारी एनडीए की औपचारिक अभियान समस्तीपुर से शुरू हुई. इसमें एनडीए के तमाम नेता, नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और बिहार बीजेपी के तमाम जेडीयू एवं बीजेपी के बड़े नेता सब लोग थे.
छठ और बारिश के कारण योजना में बदलाव?
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "हमने तय किया था कि सब अलग-अलग चुनाव प्रचार करेंगे. छठ के कारण और दो दिन हुई बारिश के कारण प्रचार का समय थोड़ा संकोचित हो गया. इसको ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री के, मुख्यमंत्री के, रक्षा मंत्री के, गृह मंत्री के, राष्ट्रीय अध्यक्ष के और बिहार के तमाम एनडीए के नेताओं की अलग-अलग योजना थी. कल (रविवार) रात को 11-12 बजे तक भी एनडीए की सभा हुई है."
#WATCH | Patna | "It is a part of our plan. We have decided that all of us will carry out the election campaign individually," says Union Minister and BJP Bihar election incharge Dharmendra Pradhan, on being asked why PM Modi and CM Nitish Kumar are not seen together during the… pic.twitter.com/zqZccU8O5m
— ANI (@ANI) November 10, 2025
एक सवाल पर कि कई वोटर्स थे वो समझ नहीं पाए थे कि कमल ही तीर है तीर ही कमल है, क्योंकि वो तीर ढूंढ रहे थे, जो जीविका दीदियां थीं उनसे कह रहे थे कि तीर नहीं दिखा हमें, तो उन्हें ये पता नहीं था कि वो एनडीए को वोट देना चाहते हैं तो वहां कमल का बटन दबाना है. अगर साथ होते नीतीश कुमार और पीएम मोदी तो शायद ये आसान हो जाता. इस पर कहा कि 2005, 2010, 2020, 2009, 2019 और 2024, तीन-तीन विधानसभा और लोकसभा मिलकर लड़े हैं. एनडीए एक होकर लड़ा है. एनडीए की ताकत एकमुश्त समाज के सामने है.
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Source: IOCL
























