जींस, शर्ट और क्रॉक्स पहनकर शपथ लेने पहुंचे उपेंद्र कुशवाहा के बेटे, बोले- 'मंत्री क्यों बनाया गया पिताजी से पूछिए'
Upendra Kushwaha Son Deepak Prakash: शपथ ग्रहण में डेनिम और शर्ट में पहुंचे दीपक प्रकाश ने सबको चौंका दिया. दीपक उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं और बिना चुनाव लड़े ही मंत्री बने हैं.

बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार में कई नए चेहरों को जगह मिली है. इनमें से अगर किसी ने चौंकाया है तो वो हैं दीपक प्रकाश. दीपक प्रकाश ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन मंत्री पद की शपथ लेकर बिहार के कैबिनेट मिनिस्टर बन गए. दीपक प्रकाश आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बेट हैं. मंत्रिमंडल में वह भी शामिल होंगे, किसी को इसका एहसास नहीं था.
दीपक प्रकाश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें भी शपथ ग्रहण के कुछ समय पहले ही पता चला था कि उन्हें मिनिस्टर बनाया जा रहा है. शपथ ग्रहण के दौरान उनके पहनावे को लेकर खूब चर्चा हुई. उन्होंने परंपरागत कुर्ता पायजामा नहीं पहना था बल्कि डेनिम, शर्ट और क्रॉक्स पहनकर स्टेज पर पहुंचे थे.
'मुझे मंत्री क्यों बनाया गया पिता जी से पूछिए'- दीपक प्रकाश
जींस और शर्ट में शपथ लेने पहुंचे दीपक प्रकाश से जब एबीपी न्यूज ने बात की तो उन्होंने कहा, "मीडिया को पता चलने से कुछ ही देर पहले मुझे भी पता चला कि मैं मंत्री बन रहा हूं." वहीं, कपड़ों के सवाल पर दीपक प्रकश बोले, "कपड़ों से क्या होता है. मुझे समय दीजिए बेहतर काम करके दिखाऊंगा."
वहीं, जब दीपक प्रकाश से परिवारवाद के मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "उपेंद्र कुशवाहा का बेटा हूं, इसे नकार नहीं सकता. मुझे मंत्री क्यों बनाया गया ये पिता जी से पूछिए."
इस बीच यह भी चर्चा का विषय है कि दीपक प्रकाश विधायक नहीं हैं. अब उन्हें विधान परिषद में जगह दी जानी है, तो उनके लिए कौन सी पार्टी अपनी सीट कुर्बान करेगी? या तो जेडीयू या फिर बीजेपी के बीच यह तय किया जाना है कि किस पार्टी के कोटे से दीपक प्रकाश एमएलसी बनेंगे.
नीतीश कैबिनेट से 18 पुराने मंत्री बाहर
पटना के गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री के रूप में दसवीं बार शपथ लेने का रिकॉर्ड बनाया. उनके साथ 26 और मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें तीन महिला मंत्री भी शामिल हैं. शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई एनडीए नेता मौजूद रहे.
नीतीश कैबिनेट में कई विधायक ऐसे भी रहे जो पिछली सरकार में मंत्री थे, लेकिन इस बार मंत्रिमंडल में जगह पाने से दूर रह गए. उनमें रत्नेश सदा,जयंत राज कुशवाहा,शीला मंडल,महेश्वर हजारी,संतोश सिंह, जीवेश कुमार, केदार गुप्ता,कृष्णनंदन प्रसाद, हरी सहनी, जनक राम, राजू कुमार सिंह,नीतीश मिश्रा, नीरज सिंह, रेणु देवी, विजय कुमार मंडल ,कृष्णा कुमार मंटू, मोती लाल प्रसाद, प्रेम कुमार शामिल हैं.
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