सुशील मोदी ने कांग्रेस की वर्चुअल रैली पर कसा तंज, कहा- सही फैसले करने में सुस्त, 60 दिन बाद आया समझ
सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि कांग्रेस और आरजेडी हालात को समझने और सही फैसले करने में इतने सुस्त हैं कि वे करोड़ों लोगों का जीवन बेहतर बनाने वाले त्वरित फैसले नहीं कर सकते.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस की 7 सितंबर से शुरू होने वाली 'बिहार क्रांति महासम्मेलन' कार्यक्रम पर सूबे के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ट्वीट कर तंज कसा है. सुशील मोदी ने लिखा, " गृहमंत्री अमित शाह ने 7 जुलाई को जब पहली वर्चुअल रैली की थी, तब आरजेडी और कांग्रेस ने खूब छाती पीटी थी. आज आरजेडी वर्चुअल रैली का समर्थक हो गई. 60 दिन बाद कांग्रेस को समझ में आया कि कोरोना काल में जनता से संवाद का माध्यम वर्चुअल ही हो सकता है. वह कई चरणों में वर्चुअल रैली करने जा रही है, लेकिन जनता से कहेगी क्या?"
उन्होंने लिखा, " कांग्रेस और आरजेडी हालात को समझने और सही फैसले करने में इतने सुस्त हैं कि वे करोड़ों लोगों का जीवन बेहतर बनाने वाले त्वरित फैसले नहीं कर सकते. यह क्षमता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में है, इसलिए बिहार के विकास की रफ्तार लगातार दहाई अंकों में रही. कांग्रेस जब 15 महीने में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं चुन पाई, तब विकास के नीतिगत फैसले क्या कर पाएगी?"
सुशील मोदी ने लिखा, " कांग्रेस ने बिहार में अकेले 45 साल और लालू प्रसाद की अंगुली पकड़ कर 10 साल राज किया, लेकिन आर्थिक विकास के किसी पैमाने पर कोई ऐसी उपलब्धि नहीं, जिसे वह जनता को बता सके. पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने ढांचागत विकास के लिए जो नींव के पत्थर लगाये, उस पर परवर्ती सरकारें इमारत नहीं बना सकीं. बाद में लालू-राबड़ी सरकार की पालकी ढोती कांग्रेस ने न तो नींव के पत्थर उखड़ने की चिंता की, न बिहार से श्रम, पूंजी और प्रतिभा के सामूहिक पलायन पर कोई सवाल उठाया."
दरअसल, कांग्रेस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के सहारे प्रचार का प्लान बनाया है. कांग्रेस ने 100 वर्चुअल रैली करने की योजना बनाई है. इसके लिए पटना से लेकर दिल्ली तक सेट अप तैयार किए गए हैं.
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