2 जुलाई को पटना में सड़कों पर उतरेंगे छात्र, चुनावी वर्ष में डोमिसाइल नीति की मांग
Domicile Policy: स्टूडेंट यूनियन का कहना है कि बिहार की सरकारी नौकरियों पर पहला अधिकार बिहारी युवाओं का है. इसके लिए डोमिसाइल नीति लागू करना राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए.

Students Protest In Patna: चुनावी वर्ष में डोमिसाइल नीति का मुद्दा गरमा रहा है. दो जुलाई को एक बार फिर छात्र पटना की सड़कों पर उतरेंगे. इससे पहले पांच जून को बड़ा धरना प्रदर्शन हुआ था. दो जुलाई को बिहार स्टूडेंट यूनियन की ओर से पटना में मार्च एवं धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है. सुबह 11 बजे पटना कॉलेज से मार्च शुरू होगा.
100% डोमिसाइल लागू करने की मांग
छात्र सीएम आवास जाकर मुख्यमंत्री नीतीश से मिलकर अपनी मांगों को रखना चाहते हैं. मांग है कि बिहार में प्राथमिक शिक्षक भर्ती में 100% डोमिसाइल आरक्षण लागू किया जाए. वहीं माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक, पुलिस (दारोगा/सिपाही), बीपीएससी और अन्य सरकारी नौकरियों में कम से कम 90% सीटें स्थानीय उम्मीदवारों के लिए आरक्षित की जानी चाहिए.
बिहार स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने दो जुलाई को होने वाले मार्च के बारे में जानकारी दी एवं यह भी कहा कि मांग हमारी नहीं सुनी गई तो आगे चल के पूरे बिहार भर में आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश को धन्यवाद देते हैं कि बिहार में सबसे ज्यादा नियुक्तियां हो रही हैं, लेकिन डोमिसाइल नीति लागू नहीं होने के कारण दूसरे राज्य के युवा यहां आकर नौकरी पा रहे हैं और बिहारी छात्रों का हक मारा जा रहा है.
बिहार के युवाओं को नौकरी पाने में दिक्कत
बिहार की सरकारी नौकरियों पर पहला अधिकार बिहारी युवाओं का है और इसके लिए डोमिसाइल नीति लागू करना राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. देश के कई राज्यों में पहले से ही सरकारी नौकरियों में स्थानीय आरक्षण लागू है जिसके कारण बिहार के युवाओं को नौकरी पाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल, कई राज्यों में डोमिसाइल नीति लागू है. इसके तहत राज्य सरकार की कुछ नौकरियों में वहां के मूल निवासियों को तवज्जो दी जाती है. पहले बिहार में भी ये नीति थी, लेकिन इसे खत्म किया जा चुका है.
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Source: IOCL






















