पहले राबड़ी देवी को हराया… अब तेजस्वी से टक्कर, कौन हैं राघोपुर से BJP के प्रत्याशी सतीश कुमार यादव?
Bihar Assembly Election 2025: सतीश कुमार यादव राघोपुर विधानसभा के दियारा क्षेत्र स्थित श्यामचंद रामपुर गांव के रहने वाले हैं. इस सीट से 2010 में वो जेडीयू से चुनाव जीते हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव (2025) के लिए बीजेपी की ओर से सभी 101 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा हो चुकी है. सबसे हॉट सीट राघोपुर बीजेपी के खाते में गई है. इस सीट से सतीश कुमार यादव को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है. राघोपुर विधानसभा सीट लालू परिवार की परंपरागत सीट रही है. 2015 से लगातार यहां से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधायक बने हुए हैं. बीजेपी के प्रत्याशी सतीश यादव 2010 में राबड़ी देवी को हरा चुके हैं.
सतीश कुमार यादव राघोपुर विधानसभा के दियारा क्षेत्र स्थित श्यामचंद रामपुर गांव के रहने वाले हैं. स्थानीय होने के कारण इन्होंने लालू प्रसाद यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 2010 के चुनाव में हराया था. उस वक्त सतीश यादव जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़े थे. 13,006 वोटों से जीत हासिल की थी. सतीश कुमार को कुल 64,222 मत मिले थे तो राबड़ी देवी 51,216 वोट में सिमट गई थीं.
लालू यादव भी इस सीट से रहे हैं विधायक
राघोपुर विधानसभा से लालू प्रसाद यादव दो बार 1995 और 2000 में विधायक रह चुके हैं. राबड़ी देवी तीन बार विधायक रही हैं. 2000 के उप चुनाव में वो जीती थीं. 2005 में दो बार चुनाव हुआ दोनों बार जीती थीं. 2010 में सतीश कुमार जीते, लेकिन 2015 और 2020 में लगातार तेजस्वी यादव को यहां से जनता ने पसंद किया.
2025 के लिए भी तेजस्वी यादव ने बीते बुधवार (15 अक्टूबर, 2025) को नामांकन कर दिया. बीजेपी ने सतीश कुमार को तीसरी बार चुनाव मैदान में लाया है. सतीश कुमार को टिकट क्यों मिला इसकी बड़ी वजह यह है कि यहां के जातीय समीकरण में सबसे अधिक यादव हैं. 40 फीसद से ज्यादा यादव वोटर्स हैं. इसी वजह से लालू परिवार यहां से जीतता आया है. राजपूत और पासवान यहां निर्णायक मतदाता हैं. तमोली, रविदास की भी संख्या है. सतीश कुमार स्थानीय हैं एवं यादव का कुछ वोट भी काट लेते हैं और अन्य जातियों का वोट इन्हें मिलता है. यही कारण है कि 2010 में जीते थे.
2015 में यह सीट बीजेपी के खाते में गई थी उस वक्त नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ थे तो सतीश कुमार जेडीयू छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस क्षेत्र से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे. 2020 में भी बीजेपी ने इन्हें मौका दिया लेकिन जीत नहीं पाए थे.
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