Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव: सीट बंटवारे पर मनोज झा का बड़ा बयान, NDA में मचेगी खलबली!
Manoj Jha: मनोज झा ने कहा कि महागठबंधन में शामिल सभी दलों की पहुंच बढ़ाने से गठबंधन की पहुंच बढ़ेगी. सीट बंटवारे पर फैसला करने का एकमात्र कारक जीत की संभावना होगी.

Bihar Assembly Elections: आरजेडी सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने सोमवार को कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर फैसला करने का एकमात्र कारक जीत की संभावना होगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में इस पर बातचीत पूरी हो जाएगी. बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं और विपक्षी महागठबंधन सत्तारूढ़ जदयू-भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को हराने की कोशिश कर रहा है.
संजय कुमार झा पर क्या बोले आरजेडी प्रवक्ता?
महागठबंधन में लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं. एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए झा ने जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा पर भी हमला बोला, क्योंकि उनकी दो बेटियों को उच्चतम न्यायालय में केंद्र सरकार के मुकदमे के सिलसिले में ‘ग्रुप ए पैनल अधिवक्ता’ के रूप में नियुक्त किया गया है. राजद नेता ने आरोप लगाया कि यह भाई-भतीजावाद की एक मिसाल है.
‘‘गठबंधन का दबाव मोदी जी पर काम कर रहा है. सरकार को बने रहना चाहिए. क्या यह एक बड़े वर्ग के अधिकारों को छीनना नहीं है? क्या कोई बेहतर, योग्य उम्मीदवार नहीं थे? क्या पिछड़े, दलित, अति पिछड़े समूहों से कोई उम्मीदवार नहीं थे? या ये सीट गठबंधन के लिए आरक्षित थीं?’’ उन्होंने कहा कि ‘यह भाई-भतीजावाद है.’’
आरोपों पर जदयू नेता, जो राज्यसभा सांसद हैं, की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. मनोज झा ने कहा कि विपक्षी गठबंधन दलों के बीच एक आम समझ है कि वे प्रत्येक सीट पर ‘महागठबंधन’ के रूप में लड़ेंगे. गठबंधन सहयोगियों के बीच चल रही बातचीत के बारे में पूछे जाने पर झा ने कहा, ‘‘यह तय करना महत्वपूर्ण है कि जीतने की क्षमता ही एकमात्र कारक होगी. यह एक आम निर्णय होना चाहिए (और) किसी को भी अपना दायरा बढ़ाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो भी जीतने की स्थिति में है, उसे टिकट मिलना चाहिए.’’ आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि टिकट तय करते समय जातिगत और सामाजिक समीकरणों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हर जिले में जातियों और सामाजिक समूहों के सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखा जाना चाहिए. डेढ़ महीने में चर्चा पूरी हो जाएगी.’’
मनोज झा ने कहा कि महागठबंधन में शामिल सभी दलों की पहुंच बढ़ाने से गठबंधन की पहुंच बढ़ेगी. क्या गठबंधन का कोई साझा घोषणापत्र होगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि कई मुद्दों पर दोनों पार्टियों की राय एक जैसी है और उन्होंने ‘माई बहन मान योजना’ का उदाहरण दिया, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की महिलाओं को 2,500 रुपये देने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और रोजगार सृजन का वादा किया गया है.
'हम बेरोजगारी के खिलाफ लड़ रहे हैं'
उन्होंने कहा, ‘‘पूरा महागठबंधन कहता है कि हम जदयू के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं, हम नए लोगों के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं. हम बेरोजगारी के खिलाफ लड़ रहे हैं. हम बुनियादी बातों पर चर्चा करना चाहते हैं, सरकारें मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारा बनाने के लिए नहीं चुनी जाती हैं, आस्था एक निजी मामला है.’’ झा ने कहा कि बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति भी एक बड़ा चुनावी मुद्दा होगी. सत्ताधारी राजग में जनता दल-यूनाइटेड (जदयू), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) शामिल हैं.
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