विधानसभा चुनाव से पहले बिहार लौटे कन्हैया, 'नौकरी यात्रा निकालने की तैयारी, कांग्रेस ने बनाया खास प्लान
Kanhaiya Kumar: कांग्रेस की बिहार को नौकरी दो यात्रा 4 हफ्तों में लगभग 20 जिलों से होकर गुज़रेगी. यात्रा के जरिए रोजगार, पेपरलीक,पलायन आदि मुद्दों के ज़रिए युवाओं को पार्टी से जोड़ने की कोशिश होगी.

Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तरह रोजगार के मुद्दे पर एक पदयात्रा निकालने जा रही जिसकी अगुवाई पार्टी के युवा और छात्र इकाई करेगी. सूत्रों के मुताबिक 16 मार्च से 14 अप्रैल तक कांग्रेस के युवा–छात्र नेता और कार्यकर्ता “बिहार को नौकरी दो यात्रा” निकालेंगे. इसमें कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI के प्रभारी कन्हैया कुमार भी शामिल होंगे. ऐसे में इस कार्यक्रम को बिहार की सियासत में कन्हैया की वापसी के तौर पर देखा जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक यह यात्रा पूर्वी चंपारण के ऐतिहासिक गांधी आश्रम से शुरू होकर पटना तक जाएगी. करीब चार हफ्तों में चार सौ से पांच सौ किलोमीटर की यह पदयात्रा लगभग बीस जिलों से होकर गुज़रेगी. इस दौरान रोजगार, पेपरलीक, पलायन आदि मुद्दों के ज़रिए युवाओं को पार्टी से जोड़ने की कोशिश होगी.
12 मार्च को कांग्रेस नेताओं की दिल्ली में बैठक
दिलचस्प बात यह है कि विधानसभा चुनाव से पहले होने जा रही इस यात्रा में प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के शामिल होने को लेकर सस्पेंस है. बारह मार्च को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बिहार के नेताओं की बैठक बुलाई है जिसमें राहुल गांधी भी शामिल होंगे. इस बैठक में यात्रा को लेकर औपचारिक मुहर लगेगी. हालांकि इसकी पूरी योजना तैयार हो चुकी है और तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
कांग्रेस प्रभारी अल्लावरु तैयारी की रुपरेखा
इसकी रुपरेखा बिहार कांग्रेस के नए प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने बनाई है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस यात्रा को लेकर आने वाले रुझानों के मुताबिक ही कांग्रेस विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति को अंतिम रूप देगी. इसमें आरजेडी के साथ सीटों के तालमेल से लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के संभावित बदलाव से जुड़े अहम फैसले शामिल हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते है कन्हैया
कहीं ना कहीं इस पदयात्रा का चेहरा कन्हैया कुमार बनने जा रहे हैं. कन्हैया बिहार में विधानसभा का चुनाव भी लड़ सकते हैं. बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कन्हैया को उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ाया था. तब माना गया था कि कन्हैया आगे दिल्ली की राजनीति करेंगे. लेकिन अब कन्हैया कुमार अपने राज्य की राजनीति में वापसी कर रहे हैं. नीतीश सरकार के ख़िलाफ़ बीते दिनों में हुए युवाओं के आंदोलन में प्रशांत किशोर की लोकप्रियता की काट के लिए कांग्रेस इस पदयात्रा में कन्हैया कुमार को उतार रही है.
हालांकि सहयोगी दल आरजेडी को ध्यान में रखते हुए कन्हैया को पदयात्रा का चेहरा बनाने से कांग्रेस बचेगी. माना जाता है कि आरजेडी नेतृत्व कन्हैया कुमार के साथ सहज नहीं है. ऐसे में इस यात्रा पर आरजेडी की प्रतिक्रिया देखने वाली होगी. भविष्य बताएगा कि इस पदयात्रा से कांग्रेस को कितना लाभ होगा. बड़ा सवाल यही है कि इससे पार्टी की जमीन मजबूत होगी या गठबंधन और प्रदेश नेतृत्व को लेकर कन्फ़्यूज़न फैलेगा?
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