हिजाब विवाद में अब कूदी यह महिला सिंगर, नीतीश कुमार को क्यों कहा धन्यवाद? जानें
Nitish Kumar Hijab Controversy: हिजाब प्रकरण को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया जा रहा है इसे सिंगर प्रिया मल्लिक ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. पढ़िए उन्होंने इस पर कैसे अपनी बात रखी है.

हिजाब प्रकरण पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहीं विरोध हो रहा है तो कहीं समर्थन किया जा रहा है. सियासी गलियारों से हटकर अब कई भाषाओं में गीत गाने वाली महिला सिंगर प्रिया मल्लिक की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने इस पूरी घटना को लेकर अपना पक्ष रखा और बुर्का के साथ घूंघट को भी गलत बताया है.
बीते गुरुवार (18 दिसंबर, 2025) को प्रिया मल्लिक ने अपने एक्स हैंडल के जरिए नीतीश कुमार के कदम को सही बताते हुए पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा, "बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी आजकल एक लड़की का बुर्का हटाने के लिए काफी ट्रोल हो रहे हैं. राजनीतिक विरोध और समर्थन से अलग हटकर एक सामाजिक संदर्भ और एक लड़की की स्वायत्तता को प्रोत्साहित करने के एक्ट के रूप में भी इसे देखा जाना चाहिए."
तेरे माथे पे ये आँचल बहुत ही खूब है लेकिन
— Priya Mallick (@Priyamlkoffcl) December 18, 2025
तू इस आँचल से एक परचम बना लेती तो अच्छा था।
- मजाज़ लखनवी
बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी आजकल एक लड़की का बुर्का हटाने के लिए काफी ट्रोल हो रहे हैं। राजनीतिक विरोध और समर्थन से अलग हटकर एक सामाजिक संदर्भ और एक लड़की की… pic.twitter.com/jHrnFcH2TW
'मैं इस एक्ट को बिल्कुल गलती नहीं मानती'
प्रिया ने कहा, "स्त्री सशक्तीकरण के लिए अपने काम को लेकर लोकप्रिय हुए मुख्यमंत्री ने अपनी पोती की उम्र की एक लड़की का स्नेहपूर्वक सार्वजनिक स्थल पर बुर्का हटाया तो इसे स्वावलंबन और स्वछंदता के प्रोत्साहन का एक स्वरूप माना जाना चाहिए. बहुत पहले विधानसभा में उनका दिया गया एक बयान जितना अमर्यादित था, उतने ही मर्यादा पूर्वक उसके लिए उन्होंने खुद की भर्त्सना की थी और अपनी गलती की माफी मांगने का एक आदर्श स्थापित किया था. मैं इस एक्ट को बिल्कुल गलती नहीं मानती."
'बुर्का या घूंघट का इस्तेमाल गलत'
इस घटना को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया जा रहा है इसे प्रिया मल्लिक ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा है, "ओढ़नी, दुपट्टा या स्त्री का अन्य वस्त्र लोक लाज, आबरू, इज्जत का प्रतीक अवश्य है, लेकिन घूंघट और बुर्का एक स्त्री के लिए गुलामी का प्रतीक है. अगर उसका इस्तेमाल एक कामकाजी महिला के लिए सार्वजनिक स्थल या कार्यस्थल पर किया जाए. सामाजिक और धार्मिक रिचुअल्स में उसकी खूबसूरती का एक अलग सुंदर भाव है. एक कामकाजी महिला का कार्यस्थल पर पहचान छुपाने के लिए बुर्का या घूंघट का इस्तेमाल गलत है."
प्रिया मल्लिक ने कहा, "माननीय मुख्यमंत्री जी ने अपने इस निश्चल व्यवहार से कामकाजी महिला के पहचान को सार्वजनिक करने का साहस प्रदान किया है. लड़कियां अगर घर से निकल कर काम कर सकती है तो उनके चेहरे को भी सम्मान मिलना चाहिए. कामकाजी महिला का बुर्के या घूंघट में अपने कार्यस्थल पर होना उस महिला का सार्वजनिक अपमान है. इस अपमान के खिलाफ पहला कदम उठाने के लिए आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी का हृदय से अभिनंदन."
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Source: IOCL
























