गोपालगंज: कुछ ही सेकेंड में गंडक नदी में समाया आंगनबाड़ी केंद्र, बांध पर बढ़ा खतरा
भवन को बचाने के नाम पर विभाग की ओर से 15 लाख से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है. लेकिन नदी के उग्र रूप ने भवन को अपने आगोश में ले लिया.
गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में गंडक नदी की वजह से आई बाढ़ के बाद अब कटाव का खतरा बढ़ गया है. जिले कुचायकोट प्रखंड के विशंभरपुर में कटाव की वजह से आंगनबाड़ी केंद्र का भवन आधी रात को कुछ ही सेकेंड में तास की पत्तों की तरह गिरकर नदी में समा गया. स्थानीय लोगों के मुताबिक अहिरौलीदान- विशुनपुर बांध पर गंडक नदी का कटाव तेज होता जा रहा है. ऐसे में बांध पर खतरा बढ़ गया है.
बता दें कि कुचायकोट प्रखंड में नदी खतरे के निशान से 62 सेंटीमीटर नीचे बह रही. लेकिन नदी के कटाव के बेकाबू होने की वजह से विशंभरपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र, जिसे बचाने के लिए पिछले 11 दिनों से की जा रही थी, वो पूरी तरह से नदी में समा गई. बता दें कि आंगनबाड़ी भवन को वर्ष 2006-2007 में 1.8 लाख की लागत बनाया गया था. वर्ष 2013 से आंगनबाड़ी में बच्चों की पढ़ाई बंद हो गई. जबकि 2015 में गाइडबांध बनाए जाने के दौरान बांध के अंदर आंगनबाड़ी भवन चला गया.
इस भवन को बचाने के नाम पर विभाग की ओर से 15 लाख से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है. लेकिन नदी के उग्र रूप ने भवन को अपने आगोश में ले लिया. ग्रामीणों का आरोप है कि आंगनबाड़ी के समीप कटाव 23 अगस्त से शुरू हो गया था. नदी जब कटाव करते हुए केंद्र के करीब पहुंची तो 26 अगस्त से यहां बचाव कार्य शुरू किया गया. वह भी कछुआ की चाल से. नतीजा है कि भवन को बचा पाना विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गयी है.
हालांकि बाढ़ एक्सपर्ट अधीक्षण अभियंता रविशंकर ठाकुर, कार्यपालक अभियंता महेश्वर शर्मा, सहायक अभियंता अजय किशोर शर्मा, कनीय अभियंता विभाष कुमार गुप्ता, सरोज कुमार, मो. मजीद की टीम युद्धस्तर पर बचाव कार्य में जुटी है. वहीं बांध को अभियंता सुरक्षित बता रहे हैं.
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