विधान परिषद कंप्यूटर डाटा डिलीट केस: एक्शन में EOU, SIT का गठन, जानें पूरा मामला
EOU Action: विधान परिषद का कंप्यूटर डाटा डिलीट मामले में ईओयू ने एसआईटी का गठन किया है. ये टीम सभापति के चैंबर में लगे कंप्यूटर से डाटा डिलीट होने के पीछे के साजिश और दोषियों का पता लगाएगी.

Vidhan Parishad News: बिहार विधान परिषद के विस्तारित भवन के नीति विषयक शाखा में कंप्यूटर से डाटा डिलीट करने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. इसकी जांच के लिए आर्थिक अपराधिक इकाई के साइबर सेल के जरिए स्पेशल टीम गठित की गई है. ईओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने जांच को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए साइबर क्राइम विशेषज्ञ SP डी. अमरकेश के नेतृत्व में आठ सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है.
डाटा रूम को सील कर दिया गया है
यह टीम विधान परिषद के सभापति के चैंबर में लगे कंप्यूटर से डाटा डिलीट होने के पीछे के मकसद, साजिश और दोषियों का पता लगाएगी. ईओयू ने कंप्यूटर के हार्ड डिस्क को फॉरेंसिक जांच के लिए अपने कब्जे में लिया है और डाटा रूम को सील कर दिया है. टीम का नेतृत्व डी अमरकेश, पुलिस अधीक्षक (साइबर, प्रशिक्षण, पोर्टल एवं समन्वय) को सौंपी गई है.
इसके साथ ही टीम में सात अन्य पदाधिकारी शामिल किए गए हैं. विश्वासनिय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईओयू के जरिए इस मामले में विधान परिषद के छह कर्मियों के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. अब एसआईटी इस मामले की तह तक जा कर पूरे मामले को खंगालने में जुट गई है.
बता दें कि कि 6 जून 2025 को यह यह मामला तब सामने आया, जब सभापति अवधेश नारायण सिंह ने ईओयू को सूचित किया कि उनके कार्यालय के कंप्यूटर में तकनीकी खराबी है. महत्वपूर्ण डाटा गायब हो गया है. प्रारंभिक जांच में साइबर अटैक या मालवेयर की संभावना खारिज हुई, लेकिन यह पुष्टि हुई कि डाटा जान बूझकर डिलीट किया गया. इस मामले में आर्थिक अपराध थाना में 9 जून को मामला दर्ज किया गया.
इसके बाद ईओयू ने विधान परिषद के उप सचिव संजय कुमार की शिकायत पर नीति शाखा से जुड़े छह कर्मियों- अवर सचिव नवीन कुमार, प्रशाखा पदाधिकारी चंद्रिका उरांव, सहायक प्रशाखा पदाधिकारी प्रतीक नाथ, सुधीर कुमार मिश्र, वंदना कुमारी, और मानवेंद्र कुमार झा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
गोपनीय डाटा चोरी कर डिलीट किया गया
बिहार विधान परिषद के विस्तारित भवन की नीति विषयक शाखा के कंप्यूटर में छेड़छाड़ और डाटा डिलीट करने के मामले में गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शाखा के कमरा नंबर 24 में लगे कंप्यूटर में नौकरी प्रमोशन समेत कई अहम डाटा थे. ईओयू ने जब इस कंप्यूटर को खोल तब पता चला कि कंप्यूटर का सारा गोपनीय डाटा चोरी कर डिलीट कर दिया गया है.
जो मामला दर्ज हुआ है, इसके अनुसार यह करतूत किसी व्यक्ति ने की है, जिसने अनधिकृत रूप से घुसकर कंप्यूटर में छेड़छाड़ की है. दरअसल बिहार विधानसभा और विधान परिषद में नियुक्ति घोटाला मामले में ईओयू पहले से जांच कर रही है, यह घोटाला काफी पुराना है और उसी को लेकर आर्थिक अपराध इकाई जानकारी लेने में जुटी थी, लेकिन अब इस डाटा को ही डिलीट कर दिया गया.
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Source: IOCL























