Exclusive: '...तो मुझे 35 से ज्यादा सीटें मिलती', सीट शेयरिंग पर चिराग पासवान का बड़ा बयान
Chirag Paswan Exclusive: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (R) के प्रमुख चिराग पासवान ने सीट शेयरिंग पर दावा किया. साथ ही कई मुद्दों पर बात रखी.

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गहमागहमी के बीच केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (R) के प्रमुख चिराग पासवान ने एबीपी न्यूज के साथ सीट शेयरिंग समेत कई मुद्दों पर खास बातचीत की है. विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर वार्गेनिंग के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि अगर बार्गेनर होता तो मैं 35 सीटें पार कर जाता. मैंने एनडीए गठबंधन की बेहतरी के लिए सरेंडर कर दिया.
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आगे कहा, ''मैं इससे ज्यादा सीटें कैसे डिमांड कर सकता था. 100 से नीचे बीजेपी और जेडीयू चुनाव लड़ रही है. मैं खुद ही ये नहीं चाहूंगा. हमें अलायंस के अंदर चुनाव नहीं लड़ना है, हमें महागठबंधन से चुनाव लड़ना है.''
सिंपल फॉर्मूला निकालकर सीटें बांटी गईं-चिराग पासवान
उन्होंने ये भी कहा, ''महागठबंधन में जब बड़े दल सवा सौ से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं तो क्यों नहीं हमारे यहां भी दल 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ें. तो 100 से नीचे मैं इनको खुद ही नहीं भेजता. जब ये 100 से नीचे नहीं जाते तो कितनी सीटें बचीं, महज 40-42 सीटें बचीं. उसमें हम तीनों दल को समाहित होना है. एक सिंपल सा फॉर्मूला निकाला कि एक लोकसभा पर 6 विधानसभा सीटें बैठा दो. ऐसे में तो फिर भी मेरी एक सीट कम रह गई.''
नीतीश कुमार के लिए क्या हैं चिराग पासवान?
अगर आप पीएम मोदी जी के हनुमान हैं तो नीतीश कुमार जी के आप क्या हैं? इस सवाल पर चिराग पासवान ने कहा, ''क्या जब मैं हर किसी का कुछ न कुछ बनूंगा तभी मेरी पहचान होगी? नीतीश कुमार एक मुख्यमंत्री हैं, मैं एक सांसद हूं, उनका सहयोगी हूं. अपनी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं, ये हमलोगों का रिश्ता है. नामाकरण के लिए मैंने सोचा ही नहीं है.''
टिकट बिक्री के आरोपों पर क्या बोले चिराग?
टिकट बिक्री करने के आरोपों से जुड़े सवाल पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, ''लोकसभा के वक्त भी मैंने बहुत सुना था. जिसने ये आरोप लगाया है, उनसे बस ये पूछ लीजिएगा कि क्या आपके पास इसके प्रमाण हैं? आजकल ये फैशन बन गया है. जब राजनीति में होते हैं तो सार्वजनिक जीवन में होते हैं. अगर आपको 'जिंदाबाद' सुनने का शौक है तो 'मुर्दाबाद' सुनने की आदत भी आपको लगानी होगी. आरोप-प्रत्यारोप लगते रहेंगे. कभी कुछ प्रमाण के साथ ऐसा आया जो मैंने गलत किया हो, तो मैं खुद ही उसके ऊपर सफाई दूंगा.'
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